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FingerPrint बचानी हैं तो शेकहैंड नहीं, नमस्ते करिये, स्किन स्पेशलिस्ट दे रहे सलाह

print eczema नामक स्किन प्रॉब्लम से अंगुलियों की लकीरें मिट रही हैं। इससे जूझने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।बायोमैट्रिक आइडेंटिटी प्रूफ के दौर में लोगों को हो रही है समस्या।

By TaniskEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 12:17 AM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 08:29 AM (IST)
FingerPrint बचानी हैं तो शेकहैंड नहीं, नमस्ते करिये, स्किन स्पेशलिस्ट दे रहे सलाह
FingerPrint बचानी हैं तो शेकहैंड नहीं, नमस्ते करिये, स्किन स्पेशलिस्ट दे रहे सलाह

वीणा तिवारी, चंडीगढ़। हाथों की लकीरों में लिखी होती है तकदीर .. यह लाइन कहती है कि हाथों की लकीरों में भविष्य लिखा होता है। लेकिन अब इन लकीरों पर खतरा मंडराने लगा है। इससे फ्यूचर छोड़िए वर्तमान बचाना मुश्किल होने लगा है। बायोमैट्रिक आइडेंटिटी प्रूफ के दौर में लोगों के अंगुलियों की लकीरें मिट रही हैं। ऐसा हो रहा है फिंगर प्रिंट एग्जिमा (Finger print eczema) नामक स्किन प्रॉब्लम से। जो एक अंगुली से शुरू होकर दोनों हाथों की सभी लकीरों को मिटा दे रही है। इस समस्या से कोई बैंक अकाउंट नहीं खुलवा पा रहा तो कोई ऑफिस में अपनी हाजिरी दर्ज नहीं करवा पा रहा। इस समस्या से जूझने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। लेकिन सरकार की ओर से इसे लेकर अब तक कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। वहीं, स्किन स्पेशलिस्ट ने इससे बचाव के लिए नमस्ते कैंपेन शुरू कर दिया है। उनका मानना है कि हाथ मिलाने से परहेज करके खुद को इस बीमारी से बचाया जा सकता है।

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नमस्ते कैंपेन से बचाव का प्रयास 

इस समस्या से बचाव के लिए देशभर के डर्मटॉलजिस्ट नमस्ते कैंपने को फेवर कर रहे हैं। इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मटॉलजिस्ट के मेंबर और नेशनल स्किन हॉस्पिटल के डॉ. विकास ने बताया कि उन्होंने अपने हॉस्पिटल को शेकहैंड फ्री जोन डिक्लेयर किया है। क्योंकि हाथों से जुड़ी स्किन प्रॉब्लम हाथ मिलाने से बढ़ रही है। ऐसे में नमस्ते करने की आदत डालने की सलाह दी जा रही है।

हेपेटाइटिस का भी खतरा 

हाथ मिलाने से स्किन डिजीज के साथ ही हेपेटाइटिस बी और सी होने का भी खतरा रहता है। जीएमसीएच सेक्टर-16 के स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. मंजीत ने बताया कि स्किन प्रॉब्लम के मरीज मौसम में बदलाव के दौरान ज्यादा आते हैं। उस समय हथेली में फंगल इंफेक्शन के मामले बढ़ जाते हैं। ऐसे में लोगों को शेकहैंड न कर नमस्ते करने की सलाह दी जाती है।

खुद की आइडेंटिटी बचानी हुई मुश्किल 

डॉ. विकास ने बताया कि उनकी ओपीडी में आने वाले मरीजों में ऐसे मर्ज वालों की संख्या 20 से 25 प्रतिशत है। वह बताते हैं कि अंगुलियों के निशान न आने से बैंक और ऑफिस सभी जगहों पर परेशानी झेलनी पड़ रही है। आधार कार्ड नहीं बन पा रहा। उनमें से ज्यादातर में फिंगर प्रिंट एग्जिमा की शिकायत सामने आ रही है। इस बीमारी में एक अंगुली से शुरू हुआ इंफेक्शन धीरे-धीरे पूरे हाथ को इफेक्ट करता है। इससे स्किन लाइन पूरी तरह डेमेज हो जाती है।

इन बीमारियों से जरा बचके 

फिंगर प्रिंटएग्जिमा के साथ ही पामर सोरायसिस, कायरोपाम्फोलिक्स, टीनिया मेनन से हाथ की लकीरें मिटने लगी हैं। डॉ. विकास ने बताया कि कुछ इलाकों में तो पूरी की पूरी आबादी इसकी चपेट में आ चुकी है। इन बीमारियों के शुरुआती दौर में हाथों में खुजली, लालपन, पानी वाले दानें निकलना, डार्कनेस, हथेली में कड़ापन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

बीमारी से बचाव के लिए हो रहे रिसर्च

इस बीमारी को लेकर स्किन स्पेशलिस्ट काफी गंभीर हैं। डर्मटॉलजिस्ट एसोसिएशन से जुड़े डॉक्टरों ने इस पर रिसर्च भी शुरू कर दी है। डॉ. विकास ने बताया कि इन बीमारी को लेकर वे अलग-अलग रिसर्च कर रहे हैं। मई में शिकागो और जून में इटली में आयोजित व‌र्ल्ड कांफ्रेंस में अपना पेपर प्रेजेंट करेंगे। दोनों कांफ्रेंस में इस बीमारी से बचाव पर आगे की गाइडलाइन बनाई जाएंगी।


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