Move to Jagran APP

धूप हो सकती है खतरनाक, यहां जानें स्किन कैंसर के प्रकारों के बारे में; कहीं आप भी तो नहीं इसकी गिरफ्त में..?

उच्च स्तर पर विटामिन ए की खुराक लेने वालों में स्क्वैमस सेल स्किन कैंसर के खतरे में 15 फीसद तक की कमी पाई गई। स्क्वैमस सेल स्किन कैंसर त्वचा कैंसर का एक प्रकार है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 02 Aug 2019 11:40 AM (IST)Updated: Fri, 02 Aug 2019 12:18 PM (IST)
धूप हो सकती है खतरनाक, यहां जानें स्किन कैंसर के प्रकारों के बारे में; कहीं आप भी तो नहीं इसकी गिरफ्त में..?
धूप हो सकती है खतरनाक, यहां जानें स्किन कैंसर के प्रकारों के बारे में; कहीं आप भी तो नहीं इसकी गिरफ्त में..?

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। कैंसर से बचाव में विटामिन ए की भूमिका सामने आई है। एक अध्ययन में दावा किया गया है कि इस विटामिन के सेवन से स्किन कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, यह निष्कर्ष करीब सवा लाख लोगों पर किए गए एक अध्ययन के आधार पर निकाला गया है। उच्च स्तर पर विटामिन ए की खुराक लेने वालों में स्क्वैमस सेल स्किन कैंसर के खतरे में 15 फीसद तक की कमी पाई गई। स्क्वैमस सेल स्किन कैंसर त्वचा कैंसर का एक प्रकार है।

loksabha election banner

अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर यूनुंग चो ने कहा, ‘ये नतीजे इस वजह को और पुख्ता करते हैं कि फलों और सब्जियों से भरपूर आहार कितना जरूरी होता है। फल और सब्जी आधारित विटामिन ए सुरक्षित होता है।’ अमेरिकी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, गाजर, पालक, दुग्ध उत्पाद, मछली और मीट को विटामिन ए का अच्छा स्रोत माना जाता है।

स्किन कैंसर जितनी तेजी से फैल रहा है उतनी ही तेजी से नए-नए प्रकार सामने आ रहे हैं। पहले सिर्फ त्वचा कैंसर मेलेनोमा के बारे में ही सुनने को मिलता था, लेकिन अब डॉक्‍टरों को इसके और भयानक रूपों के बारे में पता चला है। स्किन कैंसर के सबसे आम प्रकार हैं, बेसल सेल कार्सिनोम, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और मेलेनोमाबेसल सेल कार्सिनोमा- बेसल सेल कार्सिनोमा त्वचा के कैंसरों में सबसे है। आइए जानें कितनी तरह के होते हैं स्किन कैंसर।

बेसल सेल कैंसर
धूप में ज्यादा रहने वाले लोग बेसल सेल कैंसर का अधिक शिकार होते हैं। विशेषकर यदि वे श्वेत और नीली आंखों वाले हों या जिनकी त्‍वचा गोरी हो उन्‍हें यह बीमारी होने का खतरा अधिक होता है। आर्सेनिक या कुछ औद्योगिक प्रदूषकों के सम्पर्क में भी रहने से भी कभी-कभी बेसल सेल कैंसर हो सकता है।

स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा
स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा त्वचा की ऊपरी परत को प्रभावित करता है। ज्यादातर मामलों में स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा, त्वचा कें असुरक्षित, दीर्घकालिक सूर्य की पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आने से होता है। ये आम तौर पर उन लोंगो में पाया जाता है जो लोग ज्यादा समय धूप में बिताते है, विशेष रूप से गोरे और नीली आंखों वाले लोग। कभी कभी, कैंसर धूप से क्षतिग्रस्त त्वचा के भीतर एक खराब पैच की तरह विकसित होता है जो सफेद, गुलाबी, पीला या भूरे रंग का होता है।

मेलेनोमा कैंसर
यह तीन मुख्य प्रकार के स्किन कैंसर में सबसे कम देखने को मिलता है, लेकिन यह सबसे घातक हो सकता है। जब त्वचा मेलेनोमा का उपचार नही किया जाता तो यह त्वचा से परे शरीर के अन्य भागों में फैलता है, जिससे हालत बहुत गंभीर हो सकती है। यह सूरज के संपर्क में ज्‍यादा रहने के जोखिम के कारण होता है। उन लोगों में आम होता है जिनको बुरा सनबर्न हो गया हो, बहुत सारे मोल्‍स हो, गोरी त्वचा हो, या परिवार में किसी को मेलेनोमा हो। इस कैंसर में गले में सूजन, या खुजली महसूस कर सकते हैं।यह शरीर पर कहीं भी प्रकट हो सकता हैं।

कैसे रोके सभी स्किन कैंसर
ये तीनो कैंसर थोड़ा अलग दिख सकते हैं, लेकिन आप सभी प्रकार के त्वचा कैंसर के खतरे का उपचार एक ही प्रकार से कर सकते हैं, सूरज की किरणों के असर के बारे में जान कर। सूरज की हानिकारक किरणों से बचने के लिए आप एसपीएफ़ सनस्क्रीन लगाए, टोपी पहने और लंबी आस्तीन का उपयोग कर सकते है, और आप यह भी तय करे कि सीधे धूप में आप सीमित समय तक ही रहेगी। किसी भी स्किन कैंसर के शीघ्र निदान और उपचार के साथ सबसे अच्छा रहेगा कि शुरू में ही बीमारी का पता चल जाए।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.