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समलैगिंक संबंधों पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई छह और याचिकाएं

अपने 2013 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए सहमति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आठ जनवरी को माना था कि अपनी मर्जी से जो इस तरह के संबंध बनाते हैं, उन्हें भय के साये में नहीं रहना चाहिए।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Fri, 27 Apr 2018 09:17 PM (IST)Updated: Fri, 27 Apr 2018 09:17 PM (IST)
समलैगिंक संबंधों पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई छह और याचिकाएं
समलैगिंक संबंधों पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई छह और याचिकाएं

नई दिल्ली, प्रेट्र: समलैगिंक और अप्राकृतिक यौन संबंधों को कानूनी दर्जा देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में छह और याचिकाएं दाखिल हुई हैं। चीफ जस्टिस दीपक मिश्र, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड व इंदु मल्होत्रा की बेंच ने कहा कि वह इन सभी पर सुनवाई करेगी। इससे पहले एक मशहूर होटल कारोबारी के साथ डांसर एनएस जौहर, चेफ रितु डालमिया व एक अन्य होटल कारोबारी अमन नाथ ने धारा 377 को खत्म करने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की है। इस तरह की सभी याचिकाएं सुनवाई के लिए संवैधानिक बेंच के हवाले भी की जा चुकी है।

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अपने 2013 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए सहमति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आठ जनवरी को माना था कि अपनी मर्जी से जो इस तरह के संबंध बनाते हैं, उन्हें भय के साये में नहीं रहना चाहिए। गौरतलब है कि दो जुलाई 2009 के फैसले में दिल्ली हाई कोर्ट ने समलैंगिक संबंधों को कानूनी माना था। कोर्ट का कहना था कि 149 साल पुराना कानून संविधान में दिए गए मूल अधिकारों का हनन करता है।


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