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भुज हास्टल प्रकरण की जांच के लिए एसआइटी गठित, महिला आयोग ने छात्राओं से की मुलाकात, तीन निलंबित

भुज के श्री सहजानंद ग‌र्ल्स इंस्टीट्यूट के हॉस्टल में 68 छात्राओं के साथ हुए उत्पीड़न मामले में गुजरात पुलिस ने एसआइटी गठित की है। तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 10:03 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 10:03 PM (IST)
भुज हास्टल प्रकरण की जांच के लिए एसआइटी गठित, महिला आयोग ने छात्राओं से की मुलाकात, तीन निलंबित
भुज हास्टल प्रकरण की जांच के लिए एसआइटी गठित, महिला आयोग ने छात्राओं से की मुलाकात, तीन निलंबित

कच्छ (गुजरात), एजेंसियां। भुज के श्री सहजानंद ग‌र्ल्स इंस्टीट्यूट के हॉस्टल में 68 छात्राओं के साथ हुए उत्पीड़न मामले में गुजरात पुलिस ने एक विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया है। इस भयावह वाकिये में छात्राओं को उनके अंत: वस्त्र हटाने के लिए कहा गया था ताकि यह जांच हो सके कि उनका मासिक धर्म हुआ है या नहीं। इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी भुज के हॉस्टल में 47 पी‍ड़‍ित छात्राओं से मुलाकात की। रविवार को राष्ट्रीय महिला आयोग ने छात्राओं के कपड़े उतरवाने की मीडिया रिपोर्टों का संज्ञान लेते हुए कहा कि आयोग भुज के सहजानंद ग‌र्ल्स इंस्टीट्यूट की घटना से बेहद व्यथित हैं।

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इस बीच कच्छ यूनिवर्सिटी ने इस घटना की आंतरिक जांच शुरू कर दी है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने आयोग के हवाले से बताया कि तीन मह‍िला स्‍टाफ को निलंबित कर दिया गया है। पी‍ड़‍ित छात्राओं से मुलाकात के बाद महिला आयोग की सदस्यों ने बताया कि वह यह जानकर स्तब्ध हैं कि हास्टल में बाकायदा एक रजिस्टर है जिसमें लड़कियों के मासिक धर्म का ब्योरा नोट किया जाता है। उस अवधि में उन्हें अलग खिलाया और सुलाया जाता है। आयोग ने कहा कि जांच समिति को बताया गया है कि प्रवेश प्रक्रिया के दौरान लड़कियों से यह सहमति ले ली जाती है कि मासिक धर्म के दौरान वे भोजन कक्ष में खाना नहीं खाएंगी और बिस्‍तर के बजाए फर्श पर सोएंगी।

आयोग की सदस्य राजुलबेन देसाई ने बताया कि एक शिक्षण संस्थान सामाजिक सुधार के लिए काम करता है। यह हमारी रूढि़यों को तोड़ने का काम करता है। लेकिन अगर ऐसी घटनाएं 21वीं सदी में भी हो रही हैं तो यह बेहद शर्मनाक और अपमानजनक है। हर पहलू से जांच के बाद ही पूरी घटना स्पष्ट हो सकेगी। लेकिन उससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि अधिकांश लड़कियां धर्म के नाम पर इस फूहड़ता को स्वीकार कर चुकी थीं। उन्होंने कहा कि अगर लड़कियों ने किसी दबाव में ऐसी बात कही है तो हम उसकी भी जांच करेंगे।

एनसीडब्लू ने इस मामले पर तत्काल ध्यान देने और जांच शुरू करने के लिए कच्छ यूनिवर्सिटी की प्रभारी उपकुलपति दर्शना ढोलकिया और गुजरात के डीजीपी शिवानंद झा की सराहना की। साथ ही जांच रिपोर्ट महिला आयोग से साझा करने को कहा है। एनसीडब्लू ने सहजानंद ग‌र्ल्स इंस्टीट्यूट के ट्रस्टी प्रवीण पिंडोरा और प्रधानाचार्य रीता रनिगा ने इस शर्मनाक घटना के लिए इंस्टीट्यूट को चिट्ठी लिखी है।


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