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नहीं पहना है मास्क तो बजेगा सायरन, मास्क डिटेक्शन मशीन रखेगी नजर

मास्क डिटेक्शन मशीन में उपयोग आने वाला सॉफ्टवेयर भी संस्थान के सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) विभाग ने तैयार कर लिया है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 08:47 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 08:47 AM (IST)
नहीं पहना है मास्क तो बजेगा सायरन, मास्क डिटेक्शन मशीन रखेगी नजर
नहीं पहना है मास्क तो बजेगा सायरन, मास्क डिटेक्शन मशीन रखेगी नजर

इंदौर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए शहर के प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेज श्री गोविंदराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान ने ऑटोमेटिक सैनिटाइजेशन मशीन, मास्क डिटेक्शन मशीन, ड्रॉप और स्प्रे मशीन तैयार की है। मास्क डिटेक्शन मशीन में उपयोग आने वाला सॉफ्टवेयर भी संस्थान के सूचना प्रौद्योगिकी ([आइटी)] विभाग ने तैयार कर लिया है। संस्थान के अधिकारियों का कहना है प्रदेश में पहली बार किसी सरकारी शिक्षण संस्थान द्वारा बहुत कम खर्च में वायरस से बचाव के लिए उपकरण तैयार किए गए हैं। दफ्तर या शिक्षण संस्थान में बिना मास्क पहुंचेंगे तो सायरन बजने लगेगा।

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संस्थान द्वारा तैयार किए गए उपकरण बनकर तैयार हो चुके हैं और शहर के दो क्लीनिकों और एक पैथालॉजी लैब में इसे स्थापित किया जा चुका है। इसका परीक्षण चल रहा है। जल्द ही खजराना क्षेत्र में भी मास्क डिटेक्शन मशीन को स्थापित किया जाना है। अधिकारियों का कहना है कि मास्क डिटेक्शन उपकरण की कीमत बाजार में 15 से 20 हजार रपये है जबकि इसे संस्थान ने आठ से दस हजार रपये में तैयार किया है। वहीं ड्रॉप और स्प्रे ऑटोमेटिक सैनिटाइजर मशीन की कीमत बाजार में 3500 से चार हजार रपये है। इसे संस्थान ने 2100 रपये में तैयार किया है।

आइटी विभाग की प्रो. पूजा गुप्ता का कहना है सबसे महत्वपूर्ण मास्क डिटेक्शन उपकरण है। इसका सॉफ्टवेयर संस्थान में ही तैयार किया गया है। इसे डीप लर्निग और कंप्यूटर की पायथन लैंग्वेज से तैयार किया गया है। इस सॉफ्टवेयर को इंटरनेट से भी जो़़डा जा सकता है। जिन घरों में पहले से सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, उन्हें सिर्फ सॉफ्टवेयर कंप्यूटर में इंस्टॉल करना होगा। इससे घर के गेट पर अगर कोई व्यक्ति बिना मास्क के आएगा तो उसकी पहचान हो जाएगी और सायरन बज जाएगा।

कैंपस में बिना मास्क वालों को प्रवेश नहीं मिलेगा

संस्थान के निदेशक डॉ. राकेश सक्सेना का कहना है कि करीब दो महीने में ही हम उपकरण बना चुके हैं और डेमो के लिए शहर के कुछ क्षेत्रों में स्थापित भी कर दिए हैं। इन्हें हम बहुत कम कीमत में सरकारी विभागों और निजी संस्थानों को उपलब्ध कराएंगे। उपकरण कैंपस में भी उपयोग में लाया जाएगा। इससे पता लगा जाएगा कि कौन विद्यार्थी मास्क लगाकर नहीं आए हैं। ऐसे विद्यार्थियों को हम कैंपस में प्रवेश नहीं देंगे। पराबैंगनी किरणों पर आधारित उपकरण और सैनेटाइजेशन टॉवर भी संस्थान ने बना लिए हैं। इन सभी उपकरणों को संस्थान सरकारी विभागों को बहुत सस्ते दामों में बेचेगा।


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