SIR 2.0: केरल में अभी तक सबसे कम बंटे गणना फॉर्म, तमिलनाडु और बंगाल सबसे आगे; UP-MP में क्या हाल?
तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल सरकारों के विरोध के बावजूद, मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) का काम अन्य राज्यों की तुलना में तेज़ी से चल रहा है। पश्चिम बंगाल में 88% और तमिलनाडु में 78% से अधिक गणना फ़ार्म बांटे जा चुके हैं। गोवा और लक्षद्वीप में शत-प्रतिशत वितरण हुआ है। सभी मतदाताओं को 4 दिसंबर तक गणना फ़ार्म भरने हैं।

तमिलनाडु में एसआईआर का काम ज्यादा तेज।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण यानी एसआईआर पर तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल राज्य सरकारों के विरोध के बाद भी अन्य राज्यों के मुकाबले तेज है। स्थिति यह है कि पश्चिम बंगाल में अब तक जहां 88 प्रतिशत और तमिलनाडु में 78 प्रतिशत से अधिक गणना फार्म बांटे जा चुके है।
वहीं, उत्तर प्रदेश में अब तक 69 प्रतिशत और मध्य प्रदेश में 53 प्रतिशत फार्म ही बंटे है। यह बात अलग है कि देश के जिन 12 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर के दूसरे चरण का काम शुरू हुआ है, उनमें सबसे धीमी रफ्तार केरल की है, जहां अब तक 49 प्रतिशत गणना फार्म ही बांटे गए है।
DMK और TMC कर रही एसआईआर प्रक्रिया का विरोध
ध्यान रहे कि तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से ही एसआइआर का विरोध किया जा रहा है और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जा चुका है। एसआईआर के दूसरे चरण की प्रगति रिपोर्ट के मुताबिक चार नवंबर से शुरू हुए गणना फार्मों के वितरण में अब तक सबसे बेहतर काम गोवा और लक्षद्वीप में हुआ है, जहां शत-प्रतिशत गणना फार्मों का वितरण कर दिया गया है।
किस राज्य में कितने गणना फॉर्म बंटे?
वहीं, अंडमान-निकोबार में 89, छत्तीसगढ़ में 63, गुजरात में 88, पुद्दुचेरी में 93, राजस्थान में 70 प्रतिशत गणना फार्मों का वितरण हुआ है। एसआइआर के दौरान सभी मौजूदा मतदाताओं को चार दिसंबर तक गणना फार्म भरना है, जबकि मसौदा सूची का प्रकाशन नौ दिसंबर को हो जाएगा।

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