SIR का दूसरा चरण: 12 राज्यों में 91 प्रतिशत गणना प्रपत्र वितरित
एसआईआर के दूसरे चरण में 12 राज्यों में 91 प्रतिशत गणना प्रपत्र वितरित किए गए। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य सामाजिक-आर्थिक डेटा एकत्र करना है, जिससे नीति निर्माताओं को बेहतर निर्णय लेने में मदद मिले। कुछ राज्यों में वितरण लगभग पूरा हो चुका है, और डेटा का विश्लेषण नीतियों को प्रभावी बनाने में सहायक होगा।

मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के दूसरे चरण के तहत 12 नवंबर तक 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मतदाताओं को 46.50 करोड़ गणना प्रपत्र वितरित कर दिए हैं।
आयोग ने बताया कि कुल 50.97 करोड़ गणना प्रपत्र मुद्रित किए गए हैं, इनमें से 91.20 प्रतिशत (46.50 करोड़) वितरित किए जा चुके हैं। गणना का यह चरण चार नवंबर से चार दिसंबर तक चलेगा।
गोवा और लक्षद्वीप में 100 प्रतिशत प्रपत्र वितरित किए जा चुके हैं। पुडुचेरी में 93.63 प्रतिशत, अंडमान और निकोबार में 96.86 प्रतिशत, गुजरात में 97.38 प्रतिशत प्रपत्र वितरित किए जा चुके हैं।
जबकि तमिलनाडु ने 87.66 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ ने 88.18 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश ने लगभग 89.01 प्रतिशत, मध्य प्रदेश ने 93.3 प्रतिशत और राजस्थान ने क्रमश: 95.11 प्रतिशत प्रपत्र वितरित किए हैं। बंगाल में 96.66 प्रतिशत प्रपत्र वितरित किए गए हैं।
अन्नाद्रमुक का द्रमुक सरकार पर एसआइआर में 'हस्तक्षेप' का आरोप
अन्नाद्रमुक महासचिव ईके पलानीस्वामी ने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ द्रमुक सरकार एसआइआर प्रक्रिया में ''हस्तक्षेप'' कर रही है। एसआइआर के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि देखिए बिहार में क्या हुआ। लोग असली मतदाता सूची चाहते थे जिसमें केवल योग्य मतदाताओं के नाम हों।
एसआइआर प्रक्रिया का उद्देश्य मृत व्यक्तियों और अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में चले गए मतदाताओं के नाम हटाना है। उन्होंने दावा किया कि चौथी कक्षा तक पढ़े एक व्यक्ति को चेन्नई में बूथ लेवल अधिकारी नियुक्त किया गया है। वह मतदाताओं के संदेहों को कैसे दूर करेगा।-
(समाचार एजेंसी आइएएनएस के इनपुट के साथ)

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।