आइटीबीपी कैंप में रहा सन्नाटा, जवानों ने बहुत मनाने पर 30 घंटे बाद खाया खाना
आइटीबीपी जवानों को सदमे से उबारने पहुंचे अधिकारी। फोरेंसिक की टीम ने ढाई घंटे तक घूम-घूमकर लिए कई सैंपल।
बीजापुर, इमरान खान। छत्तीसगढ़ के बीजापुर स्थित कड़ेनार के आइटीबीपी कैंप में बुधवार की मातमी सुबह का खौफनाक सन्नाटा गुरुवार को भी पसरा रहा। इसी कैंप में बुधवार को एक जवान ने फायरिंग कर पांच साथियों की हत्या कर दी थी। घटनास्थल पर फायरिंग करने वाला जवान भी मृत मिला था। ऐसे में गुरुवार को यहां के जवानों के चेहरे की घोर उदासी और उन्नींदी आंखें बयां कर रहती रहीं कि हालात से उबरने में जवानों को अभी वक्त लगेगा। फायरिंग की घटना के बाद करीब 30 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन जवानों ने न तो नाश्ता किया है, न भोजन। हालात ऐसे कि जवानों को समझाने, हौसला देने के लिए आए आइटीबीपी के आला अधिकारियों को भी पसीने छूट गए। जवान किसी तरह माने और अधिकारियों के साथ खाना खाया।
गुरुवार को आइटीबीपी के शीर्ष अधिकारियों का दल हेलीकॉप्टर से कड़ेनार कैंप पहुंचा। कैंप प्रभारी से लेकर जवानों से वन टू वन बात भी की। इधर, फोरेंसिक के संयुक्त संचालक डॉ. बी सूरी बाबू के नेतृत्व में टीम ने ढाई घंटे तक निरीक्षण किया। वहां फैले खून के सैंपल लिए। मृत जवानों की पांच सर्विस रायफलें, पोस्टमार्टम के दौरान मृत जवानों के शरीर से मिली गोलियां, मौके पर मिले कारतूस और कारतूस के खोखे बरामद कर उन्हें सीलबंद कर जब्त किया। इसे बैलेस्टिक परीक्षण के लिए सेंट्रल लैब एफएसएल रायपुर भेजा जाएगा।
आइटीबीपी के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि किसी भी जवान को किसी भी प्रकार की समस्या या शिकायत हो तो अपने शीर्ष अधिकारियों से जरूर बात करें। उन्होंने कहा कि कोई भी साथी अगर तनाव से गुजर रहा है तो वह अपने साथी के मन के बोझ को हलका करें और कैंप प्रभारी को संबंधित जवान की गतिविधियों से वाकिफ कराए
जवान ने क्यों चलाई गोली, इसकी होगी जांच
नारायणपुर में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के कैंप में एक कांस्टेबल के अपने पांच साथियों को गोली मारने की घटना की जांच होगी। आइटीबीपी के आला अधिकारियों ने बताया कि डीआइजी स्तर के अधिकारी को जांच का जिम्मा सौंपा जाएगा। इस टीम में तीन सदस्यों को शामिल किया जाएगा। इसमें बटालियन के प्रभारी अधिकारी और बैरक के प्रभारी अधिकारी को शामिल किया गया है। बताया जा रहा है कि टीम घटना के कारणों, गोलीबारी की परिस्थिति और उससे बचाव के उपाय के बारे में एक महीने में रिपोर्ट देगी। बैरक के जवानों से भी पूछताछ की जाएगी और घटना के बारे में विस्तार से जानकारी ली जाएगी।