Sikkim Snowfall: भारी बर्फबारी में चीन बॉर्डर पर फंसे ढाई हजार सैलानी, मदद के लिए आगे आई सेना
Sikkim snowfall : भारत-चीन सीमा पर हो रही भारी बर्फबारी में फंसे 2500 यात्रियों की मदद के लिए आगे आई सेना। सिक्किम में बर्फबारी हो रही है, तापमान में भी गिरावट दर्ज हुई।
गंगटोक, एएनआइ। Sikkim snowfall, सिक्किम में हो रही भारी बर्फबारी ने सैलानियों के लिए मुश्किल पैदा कर दी है। बर्फबारी के चलते नाथू ला के समीप भारत-चीन बॉर्डर पर करीब ढाई हजार यात्री फंसे हुए हैं, उनकी मदद के लिए सेना आगे आई है। सेना ने बर्फबारी में फंसे 2500 यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है, इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी है।
करीब 300-400 वाहन भी बर्फ में फंसे
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, चीन की सीमा के पास नाथू ला में हजारों सैलानी बर्फबारी में फंस गए। इसके अलावा करीब 300 से 400 वाहन भी बर्फ के कारण 17 मील इलाके में फंसे रहे। सूचना मिलते ही इलाके में तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। बताया जा रहा है कि 1500 लोगों को 17 मील के शेल्टर में रखा गया है, जबकि अन्य लोगों को 13 मील इलाके पर सुरक्षित पहुंचाया गया।
सैलानियों को मुहैया कराईं जरूरी चीजें
वहीं, सभी सैलानियों को खाना, पीना, दवाइयां और कपड़े भी मुहैया कराए गए हैं। वहीं, रास्ते की बर्फ को साफ करने के लिए सेना की ओर से दो जेसीबी और बुलडोजर लगाए गए हैं। बताया जा रहा है कि जब तक सभी यात्री सुरक्षित गंगटोक तक नहीं पहुंच जाते हैं, सेना का ऑपरेशन जारी रहेगा।
सिक्किम में भारी बर्फबारी, बढ़ी ठंड
गौरतलब है कि शुक्रवार को सिक्किम में सीजन की पहली बर्फबारी हुई। सिक्किम के ऊंचे इलाके बर्फ की मोदी चादर से ढक गए। मौसम विभाग के मुताबिक, कुछ इलाकों में बारिश भी हुई। बदलते मौसम के बीच गंगटोक का तापमान छह डिग्री तक गिर गया है, जिस कारण ठंड भी काफी बढ़ गई है।
10 वर्ष बाद गंगटोक में बर्फबारी
सिक्किम में 10 साल बाद बर्फबारी हुई है। यहां के ऊपरी हिस्सों जैसे गंगटोक, नाथूला, शांगू लेक और रावांग्ला तो बर्फ की चादर से ढक गया है। भारी बर्फबारी की वजह से सड़कें बर्फ से पट गई हैं। नाथूला में तो कई सैलानी फंसे हुए हैं। ईस्ट सिक्किम के डीएम कपिल मीणा ने बताया, 'आधे पर्यटकों को गंगटोक से पुलिस, सेना और सिविल एडमिनिस्ट्रेशन की मदद से बचाया गया है, जबकि आधे पर्यटकों को नाथूला व आसापास स्थित सेना बेस पर लगाया गया है।' उन्होंने बताया कि रवांग्ला में तो 15 वर्षों बाद बर्फबारी रिकॉर्ड की गई है।