जानिए क्यों, विश्वकर्मा जयंती पर होती है फैक्ट्रियों और मशीनों की पूजा
हर साल 17 सितंबर को भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है। आज के दिन भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित कर, उनकी पूजा-अर्चना की जाती है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। हर साल 17 सितंबर को भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है। आज के दिन भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित कर, उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। विश्वकर्मा भगवान को निर्माण का देवता कहा जाता है। उन्हें दुनिया का सबसे पहले इंजीनियर और वास्तुकार भी माना जाता है। इसलिए विश्वकर्मा जयंती के दिन उद्योगों, फैक्ट्रियों और हर प्रकार की मशीनों की पूजा की जाती है। आश्विन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है क्योंकि इसी दिन इनका जन्म हुआ था।
पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों को बधाई दी है। पीएम मोदी ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, 'भगवान विश्वकर्मा जयंती की आप सबको हार्दिक शुभकामनाएं। निर्माण एवं शिल्पकला के देवता से हम सबको निरंतर, नवीन रचनाओं और नवसृजन की प्रेरणा मिलती रहे।'
...तो इसकी पूजा अवश्य करें
कहते हैं कि आज के दिन उद्योगों, फैक्ट्रियों और हर प्रकार की मशीनों की पूजा करना लाभकारी होता है। अगर आप किसी मशीन की बजाय कंप्यूटर या लैपटॉप कर काम करते हैं तो आपको उसकी भी पूजा आज के दिन जरूर करनी चाहिए।
शुभ मुहूर्त:
पंचांगों के अनुसार आज के दिन दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक ही पूजा करना ज्यादा शुभ है, हालांकि आप अपनी सुविधानुसार दिन में कभी भी पूजा कर सकते हैं।
कौन हैं भगवान विश्वकर्मा
भगवान विश्वकर्मा को 'निर्माण' का देवता माना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार पौराणिक काल में देवताओं के अस्त्र-शस्त्र व महलों को भगवान विश्वकर्मा ने ही बनाया था। इसके अलावा उन्होंने सोने की लंका, पुष्पक विमान, इंद्र का व्रज, भगवान शिव का त्रिशूल, पांडवों की इंद्रप्रस्थ नगरी, भगवान कृष्ण की द्वारिका नगरी को भी बनाया था। इस वजह से निर्माण और सृजन से जुड़े लोग विश्वकर्मा जयंती को पूरे श्रद्धा भाव से मनाते हैं।