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राजनीतिक नेतृत्व की वजह से थमा भारत-चीन विवाद: सरन

भारत के पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन ने कहा है कि भारत और चीन के बीच एक बार फिर से तनाव बढ़ सकता है।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Thu, 28 Sep 2017 09:34 AM (IST)Updated: Thu, 28 Sep 2017 09:34 AM (IST)
राजनीतिक नेतृत्व की वजह से थमा भारत-चीन विवाद: सरन
राजनीतिक नेतृत्व की वजह से थमा भारत-चीन विवाद: सरन

नई दिल्ली (पीटीआई)। भारत के पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन ने कहा है कि भारत व चीन की सेनाओं के बीच टकराव केवल इस वजह से थम सका, क्योंकि राजनीतिक नेतृत्व ने एक साथ उठने बैठने का फैसला किया। इससे दोनों के बीच शांति व संतुलन स्थापित हुआ।

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अपनी नई किताब, हाउ इंडिया सीज द व‌र्ल्ड, कौटिल्य टू द 21 सेंचुरी, को लेकर किए गए सवाल जवाब में उन्होंने कहा कि अब भारत-चीन सीमा पर चौकसी बहुत ज्यादा है। जिन इलाकों में सेना की आवाजाही महीने या छह सप्ताह के दौरान हो रही थी, वहां अब सैनिक लगातार जा रहे हैं। पहले पेट्रोलिंग पैदल होती थी तो अब जीप से निगरानी की जा रही है।

उनका कहना था कि सीमा पर संसाधान की तुलना में चीन भारत से ज्यादा मजबूत है। सरन ने कहा कि दोनों देशों के बीच पिछले दस साल के दौरान विवाद बढ़े हैं और भविष्य में सेनाएं फिर से एक दूसरे से टकरा सकती हैं, लेकिन नेतृत्व का एक दूसरे से मिलते रहना समस्या को गंभीर होने से बचाएगा। उनका कहना था कि डोकलाम जैसे खतरनाक विवाद के दौरान भी ब्रिक्स में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग व भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने एक दूसरे के साथ वार्ता की। इससे विवाद खत्म तो नहीं हुआ, लेकिन माहौल कुछ ठीक हुआ। भविष्य में भी ये मुलाकातें तल्खी कम करने का संबल बनेंगी।

भारत-पाक मिलाप संभव नहीं

सरन ने कहा कि भारत व पाक एक दूसरे से बिलकुल जुदा हैं। दोनों के बीच मिलाप की कोई संभावना नहीं है। दोनों के बीच मुद्दों पर भिन्नता है। चाहे वो बंटवारे का विवाद हो या फिर 1965 की लड़ाई। विभाजन के साथ शुरू हुई लड़ाई ने कश्मीर मुद्दे के साथ तीखा रूप लिया तो कुलभूषण जाधव जैसे मामले आग में घी डालने का काम कर रहे हैं, लेकिन उनका कहना था कि दोनों देशों के लोगों का आपस में संपर्क और व्यापारिक रिश्ते भारत के लिहाज से काफी बेहतर रहेंगे।

सार्क को लेकर पूछे गए सवाल पर उनका कहना था कि किसी भी अन्य देश की अपेक्षा यह भारतीय हित में है। उनका कहना था कि भारत मजबूत है और उसे वैश्विक राजनीति में अहम रोल अदा करना है। इसमें यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि हम एशिया में किस तरह से प्रबंधन कर पाते हैं। उनका कहना था कि सारी ऊर्जा पाक से लड़ने में लगा देंगे तो बाकी अहम कामों के लिए आक्सीजन नहीं बचेगी?

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