शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा, हेलीकॉप्टर बुकिंग व रजिस्ट्रेशन समेत यहां मिलेगी हर जरूरी जानकारी
Shri Amarnath Yatra 2019 अमरनाथ यात्रा को उत्तर भारत की सबसे पवित्र तीर्थयात्रा माना जाता है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। Shri Amarnath Yatra 2019: अमरनाथ यात्रा को उत्तर भारत की सबसे पवित्र तीर्थयात्रा माना जाता है। इस यात्रा के दौरान लोगों को भारत की कई परंपराओं, धर्मों और संस्कृतियों की झलक देखने को मिलती हैं। इस बार बाबा अमरनाथ की यात्रा पहली जुलाई से शुरू हो रही है जो 15 अगस्त तक जारी रहेगी। तीर्थयात्रा पहली जुलाई को हिंदू कैलेंडर के मुताबिक मासिक शिवरात्रि के पावन पर्व की सुबह शुरू होगी। बोर्ड ने तय किया कि दोनों यात्रा मार्गो (बालटाल व पहलगाम) से प्रतिदिन अधिकतम 7500 श्रद्धालुओं को ही पवित्र गुफा की तरफ जाने दिया जाएगा। इनके अलावा हेलीकॉप्टर के जरिए यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अलग होगी।
पहली मई से हेलीकाप्टर की ऑनलाइन बुकिंग शुरू
बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा 2019 के लिए हेलीकाप्टर की ऑनलाईन बुकिंग पहली मई की सुबह शुरु हो जाएगी। जिसके पास हेलीकाप्टर का टिकट होगा, उसे तीर्थयात्रा के लिए एडवांस रजिस्ट्रेशन की जरुरत नहीं होगी। हालांकि, यात्रा के लिए पंजीकरण एक अप्रैल को ही शुरू हो गया था।
हेलीकाप्टर का टिकट करेगा रजिस्ट्रेशन का काम
बाबा अमरनाथ की यात्रा हेलीकाप्टर के माध्यम से जाने वाले भक्तों की हेलीकाॅप्टर की टिकट ही पंजीकरण का काम करेगी। इसके लिए उन्हें अलग से एडवांस पंजीकरण करवाने की जरूरत नहीं होगी। उनके पास स्वास्थ्य प्रमाणपत्र होना जरूरी है। इसके बिना उन्हें यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी।
हेल्थ कार्ड होगा जरूरी
यात्रा पर जाने वालों के लिए स्वास्थ्य प्रमाणपत्र बनाना बहुत आवश्यक है। 15 फरवरी 2019 से बाद जारी होने वाली स्वास्थ्य प्रमाणपत्र ही वैध माने जाएंगे। राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत डाक्टर व संस्थान द्वारा जारी स्वास्थ्य प्रमाणपत्र को अपने साथ रखना होगा।
उम्र का भी रखना होगा ख्याल
इस यात्रा में 13 वर्ष से कम व 75 साल से अधिक आयु के श्रद्धालु यात्रा नहीं कर सकते हैं। श्राइन बोर्ड ने इस संबंध में आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए हैं। यात्रा मार्ग पर चिकित्सा प्रबंधों, स्वच्छता सुविधाओं, यात्रा मार्ग से कचरे को वैज्ञानिक तरीके से उठाने के भी प्रबंध किए जाएंगे।
लंगर समितियां करेंगे सहयोग
बता दें कि यात्रा के दौरान लंगर समितियां सहयोग करते हैं। बोर्ड ने उम्मीद जताई है कि वर्ष 2019 में भी यह सभी संगठन अपना पूरा सहयोग करेंगे। इसके अलावा यात्रा मार्ग पर दूरसंचार सेवाएं बहाल करने पर भी पूरा जोर रहेगा।
46 दिन चलेगी यात्रा
बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा पहली जुलाई से शुरू होगी। यह यात्रा 46 दिन चलेगी और 15 अगस्त रक्षाबंधन के दिन पवित्र गुफा में छड़ी मुबारक के आगमन व पूजा-अर्चना के साथ संपन्न होगी।
सभी जानकारियां वेबसाइट पर होंगी
श्रद्धालुओं को पवित्र गुफा की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बारे में पूरी तरह सचेत करते हुए उन्हें यात्रा शुरू करने से पहले खुद को यात्रा लायक स्वस्थ व समर्थ बनाने को लेकर सारी जानकारियां बोर्ड की वेबसाइट पर होंगी। बोर्ड ने बीते सालों की तरह इस बार भी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सहयोग से यात्रा के लिए सभी आवश्यक जानकारियां देने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया है। इसके अलावा यात्रा संबंधी सभी जानकारियों को बोर्ड की आधिकारिक बेबसाइट भी अपलोड किया जाएगा।
इतना रहेगा हेलीकाप्टर का किराया
हेलीकाप्टर सेवा लेने के इच्छ़क श्रद्धालु पहली मई सुबह 10 बजे से बुकिंग करा सकते हैं। बोर्ड ने मैसर्स ग्लोबल वेक्ट्रा हैलीकाप्टर लिमिटेड और मैसर्स हिमालयन हेली सर्विस प्राईवेट लिमिटेड की सेवाएं नीलग्रथ बाल्टाल-पंजतरणी मार्ग पर और मैसर्स यूटी एयर इंडिया प्राईवेट लिमिटेड की सेवाएं पहलगाम-पंजतरणी मार्ग के लिए प्राप्त की हैं। नीलग्रथ-पंजतरणी के रास्ते इकतरफा किराया 1804 रुपये प्रति सवारी है जबकि पहलगाम-पंजतरणी सेक्टर में यह 3104 रुपये प्रति सवारी रहेगा। स्वास्थ्य प्रमाणपत्र के आधार पर ही हैलीकाप्टर में बैठने के लिए बोर्डिंग पास मिलेगा, अन्यथा नहीं।
हेलीकाप्टर बुकिंग में रखें खास ध्यान
श्रद्धालु संबधित कंपनियों और उनके प्राधिकृत एजेंट के जरिए ही अपनी हेलीकाप्टर टिकट बुक करें और ऐसे तत्वों से बचें जो उन्हें ठगने की फिराक में हो और उन्हें फर्जी हेलीकाप्टर टिकट बेचने की कोशिश करें। हेलीकाप्टर सेवा संचालकों द्वारा टिकट जारी करने के लिए उनके प्राधिकृत एजेंटस की सूची को श्री अमरनाथ श्राईण बोर्ड की की अधिकारिक वेबसाइ्रट पर भी उपलब्ध कराया गया है। एक व्यक्ति 5 से अधिक लोगों की बुकिंग नहीं करा सकता है। क्रेडिट या डेबिट कार्ड साथ रखाना होगा, जिस व्यक्ति ने एक बार बुकिंग करा ली है वो तीन हफ्ते बाद ही बुकिंग करा सकेगा।
क्या है पौराणिक मान्यता
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान शिव ने देवी पार्वती को समुद्रतल से करीब 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा में अमरत्व की कथा सुनाई थी। इसे भगवान अमरेश्वर की गुफा भी कहा जाता है और श्रावण मास के दौरान यहां हिमलिंग स्वरुप में भगवान शिव के दर्शन होते हैं।
कैसे पहुंचे अमरनाथ
जम्मू तक रेल से या निजी वाहनों से जा सकते हैं। जम्मू से श्रीनगर तक सिर्फ सड़क मार्ग से ही जाया जाता है। जम्मू से चलने के बाद पहलगाम पहुंचना पड़ता है। पहलगाम से गुफा तक की दूरी लगभग 51 किलोमीटर है। पहलगाम से चंदनवाड़ी तक 17 किलोमीटर मार्ग पर चार पहिया वाहन चलती हैं। चंदनवाड़ी से चार किलोमीटर की दूरी पर है- पिस्सू टॉप। पिस्सू टॉप की चढ़ाई लगभग एक किलोमीटर है। इसके आगे का दुर्गम मार्ग अमरनाथ गुफा तक जाता है। ज्यादातर लोग इसे पैदल ही तय करते हैं। दर्शनार्थी हवाई मार्ग से श्रीनगर तक आ सकते हैं।
यात्रियों को मिलती हैं ये सुविधाएं
अमरनाथ श्राइन बोर्ड यात्रियों के लिए बीमा करती है। इसमें दुर्घटना के कारण यात्रियों की मौत होने पर 1 लाख तक का बीमा करवाया जाता है। यात्रियों के लिए शेषनाग ,पंचतरणी में सरकार विशेष दुकानें खोलती है, जहां से यात्री कम कीमत पर राशन, लकड़ी खरीद सकते हैं। किराए पर ठहरने के लिए जगह-जगह पर टेंट, शिविर लगाए जाते हैं।