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मोदी सरकार की लुभावनी योजनाओं से भी देश में वैज्ञानिकों की कमी नहीं हो रही खत्म

वैज्ञानिकों की कमी का खुलासा हाल ही में संसद को दी रिपोर्ट में सामने आया है। इस दौरान वैज्ञानिकों की सबसे ज्यादा कमी सीएसआईआर के शोध संस्थानों में है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 17 Dec 2019 10:50 PM (IST)Updated: Tue, 17 Dec 2019 10:50 PM (IST)
मोदी सरकार की लुभावनी योजनाओं से भी देश में वैज्ञानिकों की कमी नहीं हो रही खत्म
मोदी सरकार की लुभावनी योजनाओं से भी देश में वैज्ञानिकों की कमी नहीं हो रही खत्म

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वैज्ञानिकों को लुभाने की सरकार की कोशिशों के बाद भी देश के लगभग सभी शीर्ष शोध संस्थानों में वैज्ञानिकों की कमी बनी हुई है। स्थिति यह है कि मौजूदा समय में देश के करीब 70 शीर्ष शोध संस्थानों में वैज्ञानिकों के 32 सौ से ज्यादा पद खाली पड़े है।

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सीएसआईआर बेंगलुरु में वैज्ञानिकों की सबसे ज्यादा कमी

वैज्ञानिकों की सबसे ज्यादा कमी बेंगलुरु के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) से जुड़े संस्थान में पायी गई है, जहां मौजूदा समय में वैज्ञानिकों के करीब 177 पद खाली है। ऐसी ही कुछ स्थिति पुणे स्थित सीएसआईआर से जुड़े राष्ट्रीय रसायन प्रयोगशाला की है, जहां मौजूदा समय में करीब 123 वैज्ञानिकों के पद खाली पडे है।

सरकार की लुभावनी योजनाएं नहीं आ रही काम

देश के शीर्ष शोध संस्थानों में यह स्थिति तब बनी हुई है, जब सरकार इन संस्थानों में वैज्ञानिकों के खाली पदों को भरने के लिए कई लुभावनी योजनाएं शुरु कर रखी है। इनमें रामानुजम फेलोशिप, ब्रिज स्कीम, इंस्पायर स्कीम और विधार्थी-वैज्ञानिक संपर्क योजना आदि शामिल है। इसके अलावा महिलाओं को लुभाने के लिए अलग से एक महिला वैज्ञानिक स्कीम भी शुरू कर रखी है। जिसमें लोगों को शोध की अच्छी सुविधाएं भी दी जा रही है।

विदेशों में रह रहे वैज्ञानिकों को स्वदेश लौटने पर आकर्षक पैकेज देने का प्रस्ताव

विदेशों में निवास कर रहे वैज्ञानिकों को स्वदेश लौटने पर भी आकर्षक पैकेज देने का प्रस्ताव किया जा रहा है। हालांकि इसके पीछे जो बडा कारण माना जा रहा है, वह भरोसा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि उन्हें अभी जो सुविधाएं आफर की जा रही है, वह आगे भी मिलती रहेगी, इसकी भी गारंटी चाहिए।

संसद को दी गई रिपोर्ट ने किया वैज्ञानिकों की कमी का खुलासा

शोध संस्थानों में वैज्ञानिकों की कमी को लेकर यह खुलासा हाल ही में संसद को दी रिपोर्ट में सामने आया है। इस दौरान वैज्ञानिकों की सबसे ज्यादा कमी सीएसआईआर के शोध संस्थानों में है। बता दें कि देश में अकेले सीएसआईआर के ही करीब 40 शोध संस्थान है। इसके साथ ही विज्ञान और तकनीक से जुड़े करीब 30 अन्य संस्थान है।

मोदी सरकार शोध को बढ़ावा देने में जुटी

सरकार देश भर में शोध को बढ़ावा देने में जुटी हुई है। इसके तहत सभी शैक्षणिक संस्थानों को शोध कार्यो के लिए अलग से बजट दिया गया है। इसके साथ ही सरकार ने देश में राष्ट्रीय शोध फाउंडेशन बनाने की भी घोषणा कर रखी है।


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