क्या बुलेट ट्रेन के कर्ज का ब्याज चुकाने के लिए बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ राजग की घटक शिवसेना ने कहा था कि ईंधन की बढ़ी कीमतें देश में किसानों की आत्महत्या का मुख्य कारण है।
मुंबई, प्रेट्र। शिवसेना ने पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ने पर एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उसने पूछा है कि दुनिया में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद ईंधन की कीमतों में वृद्धि क्या बुलेट ट्रेन के लिए जापान से लिए गए कर्ज के ब्याज चुकाने के लिए है। दो दिन पहले ही केंद्र और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ राजग की घटक शिवसेना ने कहा था कि ईंधन की बढ़ी कीमतें देश में किसानों की आत्महत्या का मुख्य कारण है।
अब बुधवार को पार्टी के मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है कि जो लोग सरकार में हैं, वे महंगाई पर बात नहीं करना चाहते और न ही चाहते हैं कि दूसरे इस पर कुछ कहें। ईंधन की कीमतें बढ़ने की मार आम आदमी झेल रहा है। अगर सरकार में बैठे लोग पिछले चार महीनों के दौरान ईंधन की कीमतों में 20 बार की बढ़ोतरी का समर्थन करते हैं, तो यह सही नहीं है।
शिवसेना ने कहा है कि संप्रग के शासन में कच्चे तेल का दाम 130 डॉलर प्रति बैरल था, लेकिन इसके बावजूद पेट्रोल और डीजल की कीमत कभी भी क्रमश: 70 और 53 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा नहीं हुई। इसके बावजूद विपक्ष बढ़ी कीमतों को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन करता था। लेकिन आज कच्चे तेल का दाम 49.89 डॉलर प्रति बैरल है, इसके बावजूद लोगों को कम कीमतों का फायदा नहीं मिल रहा है। इसके विपरीत पेट्रोल 80 रुपये और डीजल 63 रुपये प्रति लीटर की दर से बेचा जा रहा है। उसने कहा कि कांग्रेस के शासन में रसोई गैस की कीमत 320 रुपये प्रति सिलेंडर से अधिक नहीं हुई। लेकिन आज एक सिलेंडर की कीमत 785 रुपये है। एक तरफ धनी लोगों को मिलेगी बुलेट ट्रेन तो दूसरी तरफ आम आदमी को बैलगाड़ी से यात्रा करना पड़ेगा क्योंकि वह वाहन का खर्च नहीं उठा सकता।
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