महाराष्ट्र में भाजपा के आगे झुकी शिवसेना, समर्थन देने पर राजी
महाराष्ट्र में भाजपा के आगे शिवसेना ने अब आखिरकार घुटने टेक दिए हैं। अपने मुखपत्र सामना में छपे संपादकीय में शिवसेना ने माना है कि अमित शाह और नरेंद्र मोदी की बदौलत भाजपा को महाराष्ट्र में जीत मिली। शिवसेना ने कहा कि वह भाजपा को समर्थन देने पर राजी है। गौरतलब है कि रविवार को ही मोदी कैबिनेट में श्ि
मुंबई। महाराष्ट्र में भाजपा के आगे शिवसेना ने अब आखिरकार घुटने टेक दिए हैं। अपने मुखपत्र सामना में छपे संपादकीय में शिवसेना ने माना है कि अमित शाह और नरेंद्र मोदी की बदौलत भाजपा को महाराष्ट्र में जीत मिली। शिवसेना ने कहा कि वह भाजपा को समर्थन देने पर राजी है।
गौरतलब है कि रविवार को ही मोदी कैबिनेट में शिवसेना के एकमात्र मंत्री अनंत गीते ने कहा था कि राज्य में भाजपा-शिवसेना को साथ काम करने के लिए जनता ने जनादेश दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह कैबिनेट से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं।
गीते के इस बयान के बाद ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि शिवसेना भाजपा को समर्थन दे सकती है। वहीं दूसरी ओर राज्य में बदलते सियासी समीकरणों के बीच भाजपा ने यह साफ कर दिया था कि महाराष्ट्र भाजपा इकाई 28 अक्टूबर को विधायक दल की बैठक में अपने नेता का चुनाव कर लेगी। यदि शिवसेना साथ नहीं भी आती है तो वह अल्पमत में सरकार बनाने को तैयार है।
भाजपा से मिले इस अल्टीमेटम के बाद शिवसेना ने घुटने टेकते हुए भाजपा को समर्थन देने का एलान कर दिया है। इससे पहले वह अपने मुखपत्र सामना में लगातार भाजपा पर राज्य में मिली जीत के लिए कटाक्ष कर रही थी। इसके अलावा कई तरह के आरोप भी उसने भाजपा के ऊपर लगाए थे।
एनसीपी भी देगी समर्थन
दूसरी ओर एनसीपी के नेता माजिद मेनन ने कहा है कि पार्टी महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देना जारी रखेगी, भले ही शिवसेना समर्थन दे या न दे। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि यदि आने वाले समय में शिवसेना भाजपा साथ छोड़ भी जाती है तो कम से कम राज्य की सरकार नहीं गिरेगी और काम सुचारू रूप से चलता रहेगा। इसका फायदा आम आदमी को ही होगा। लिहाजा एनसीपी भाजपा को समर्थन देने को राजी हुई है।
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