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आंध्र में नहीं लगेगा राष्ट्रपति शासन

पृथक तेलंगाना गठन को लेकर कैबिनेट की मंजूरी के बाद धधक रहे आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की किसी भी संभावना से केंद्र ने इन्कार कर दिया है। साथ ही, संकेत दिए हैं कि बिजली आपूर्ति बाधित होने से आवश्यक सेवाओं और परिवहन की परेशानी बढ़ने पर राज्य में एस्मा लगाया जा सकता है।

By Edited By: Published: Tue, 08 Oct 2013 11:55 PM (IST)Updated: Tue, 08 Oct 2013 11:58 PM (IST)
आंध्र में नहीं लगेगा राष्ट्रपति शासन

नई दिल्ली/हैदराबाद। पृथक तेलंगाना गठन को लेकर कैबिनेट की मंजूरी के बाद धधक रहे आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की किसी भी संभावना से केंद्र ने इन्कार कर दिया है। साथ ही, संकेत दिए हैं कि बिजली आपूर्ति बाधित होने से आवश्यक सेवाओं और परिवहन की परेशानी बढ़ने पर राज्य में एस्मा लगाया जा सकता है। मंगलवार को हुई आंध्र सरकार और बिजली कर्मियों की संयुक्त कार्रवाई समिति के नेताओं की बैठक बेनतीजा रही। अब बुधवार को मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी उनसे मुलाकात करेंगे। हालात सामान्य होते देख मंगलवार को विजयनगरम शहर में सुबह सात-आठ बजे के बीच क‌र्फ्यू में ढील दी गई।

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गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि सीमांध्र में जारी विरोध-प्रदर्शन पर केंद्र की नजर है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि केंद्र सीमांध्र के लोगों की चिंताओं के निस्तारण को प्रतिबद्ध है। सीमांध्र के हालात पर कहा कि सरकार राज्य में स्थिति सामान्य बनाने की कोशिश कर रही है। वहीं, शिंदे ने तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और वाईएसआर कांग्रेस के मुखिया जगनमोहन रेड्डी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि दोनों ने तेलंगाना पर लिखित सहमति जताई थी। बिजली कर्मियों की हड़ताल के कारण विजयवाड़ा और रायलसीमा तापीय बिजली संयंत्रों में उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। नतीजतन इनसे जुड़े क्षेत्रों में दस घंटे तक की बिजली कटौती की जा रही है।

आंध्र प्रदेश की बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण कंपनियों के 30 हजार से ज्यादा कर्मी कैबिनेट के फैसले के खिलाफ हड़ताल पर हैं। इससे तटीय आंध्र और रायलसीमा सहित हैदराबाद अंधेरे में डूब गए हैं। हड़ताल के चलते दक्षिणी ग्रिड के फेल होने का खतरा है। अगर ऐसा होता है तो सभी दक्षिणी राज्य अंधेरे में डूब जाएंगे। हालांकि, शिंदे ने दक्षिणी ग्रिड के फैल होने की आशंकाओं को खारिज किया है। फिलहाल, अस्पतालों, शिक्षण संस्थाओं, हवाई अड्डे और कारखानों में बिजली के वैकल्पिक संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण दर्जनों ट्रेनें रद करनी पड़ी हैं। अब तक हिंसक प्रदर्शनों में शामिल 110 संयुक्त आंध्र समर्थकों को हिरासत में लिया जा चुका है।

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