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कहीं खाते में जमा धन तो शीना के हत्या की वजह नहीं

शीना हत्याकांड में सबसे आखिर में गिरफ्तार पीटर मुखर्जी का लाइ डिटेक्शन जांच कराने की मंजूरी मिल गई है। सीबीआई ने यहां की एक विशेष अदालत से मंजूरी ली है। शुक्रवार को यहां जांच एजेंसी ने छह घंटे तक पीटर की घेराबंदी की।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2015 07:54 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2015 08:04 PM (IST)
कहीं खाते में जमा धन तो शीना के हत्या की वजह नहीं

नई दिल्ली। शीना हत्याकांड में सबसे आखिर में गिरफ्तार पीटर मुखर्जी का लाइ डिटेक्शन जांच कराने की मंजूरी मिल गई है। सीबीआई ने यहां की एक विशेष अदालत से मंजूरी ली है। शुक्रवार को यहां जांच एजेंसी ने छह घंटे तक पीटर की घेराबंदी की। जांच एजेंसी यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि शीना के खाते में जमा धन को लेकर तो उसकी हत्या नहीं की गई थी। इंद्राणी और पीटर ने मीडिया हाउस में लगाया गया अपना पैसा गलत तरीके से निकाल कर शीना के विदेशी बैंक खाते में जमा कराया था। बाद में इसी धन को लेकर इंद्राणी के साथ शीना का विवाद हुआ था और उसकी हत्या हुई।

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जांच एजेंसी के सूत्र ने बताया कि पीटर से विभिन्न सत्र के दौरान इसी लाइन पर पूछताछ हुई। सूत्र ने हालांकि यह भी कहा कि अभी हत्या का मकसद तय करना कठिन है इसलिए जांच एजेंसी विभिन्न कोणों पर जांच कर रही है।

शीना के इस्तीफे पर थे इंद्राणी की सचिव के जाली दस्तखत
इंद्राणी मुखर्जी की निजी सचिव काजल शर्मा ने सीबीआई को बताया है कि रिलायंस के मुंबई मेट्रो को भेजे गए शीना के इस्तीफे पर दबाव डालकर उससे फर्जी दस्तखत कराया गया था। उसने बताया कि जाली दस्तखत करने से मना करने पर उसकी बॉस इंद्राणी ने उसे मजबूर किया था। लापता होने के समय शीना रिलायंस मेट्रो में सहायक प्रबंधक थी।

काजल ने अन्य पहलुओं का भी खुलासा किया है। जांच एजेंसी को उसने बताया है कि ड्राइवर श्याम राय इंद्राणी का सबसे खास था। सभी गोपनीय काम और घरेलू काम भी इंद्राणी उसी को सौंपती थी। यहां तक कि जब भी इंद्राणी उससे फोन पर बात करती थी तब सभी स्टाफ को वहां से हट जाना पड़ता था। 25 अप्रैल को इंद्राणी ने श्याम को दूसरी जगह नौकरी करने भेज दिया था और इसी महीने उसके खाते में सवा लाख रुपये जमा कराने का निर्देश काजल को दिया था।

कई प्रयास करने पर भी शीना से बात नहीं हो पाई थी
शीना के जैविक पिता सिद्धार्थ दास ने सीबीआई को बताया है कि अप्रैल 2012 में लापता होने के बाद उन्होंने बेटी से कई बार संपर्क साधने की कोशिश की थी, लेकिन सब बेकार गए थे। सनसनीखेज हत्या की जांच के दौरान दास ने बताया था कि आखिरी बार शीना से उनकी मुलाकात अगस्त 2010 में हुई थी। तब वह शीना के ननिहाल गए थे। शीना ने उन्हें बताया था कि उसका भाई मिखाइल बोरा बंगलुरु में रहता है।


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