शीना बोरा मर्डर केस: मीडिया के बिजनेस में वापस आना चाहती थी इंद्राणी
शीना बोरा मर्डर केस में गिरफ्तार पीटर मुखर्जी ने कई खुलासे किए हैं। पुलिस अब भी इस मामले से जुड़ी कई कडि़यों को जोड़ने की कोशिश कर रही है। लेकिन इस हत्या के पीछे एक वजह पीटर के करोड़ों रुपये का बिजनेस एंपायर भी माना जा रहा है। दरअसल इस
मुंबई। शीना बोरा मर्डर केस में गिरफ्तार पीटर मुखर्जी ने कई खुलासे किए हैं। पुलिस अब भी इस मामले से जुड़ी कई कडि़यों को जोड़ने की कोशिश कर रही है। लेकिन इस हत्या के पीछे एक वजह पीटर के करोड़ों रुपये का बिजनेस एंपायर भी माना जा रहा है। दरअसल इस मामले की मुख्य आरोपी इंद्राणी मीडिया के क्षेत्र में वापस आना चाहती थी।
करीब तीन वर्ष पहले इसके लिए उसने कांफ्रेंस कॉल कर कुछ लोगों से बात भी की थी और लंदन से वापस भारत आने की अपनी मंशा का इजहार भी किया था। जानकारी के मुताबिक इस कांफ्रेंस कॉल के दौरान एक सीनियर जर्नलिस्ट, इंवेस्टर शामिल था। इस दौरान बातचीत में उसने भारत वापसी कर यहां पर फिर से मीडिया के क्षेत्र में बिजनेस शुरू करने की बात कही थी। लेकिन इसको लेकर पीटर और इंद्राणी के बीच मतभेद उभरकर सामने आए थे।
पीटर ने करीब 12 घंटे तक चली मैराथन पूछताछ में इन बातों का खुलासा किया। उसने बताया कि इंद्राणी की कंपनी के करीब 300 करोड़ रुपये प्रपोज्ड थे और यह कंपनी टीवी सॉफ्टवेयर प्रोडक्शन में काम करने वाली थी। पुलिस ने इस संबंध में इंद्राणी की कॉल डिटेल्स भी निकाली है जिसमें एक इंवेस्टर से लगातार बात होने की जानकारी सामने आई है।
क्या है मामला
अप्रैल 2012 में इंद्राणी ने पूर्व पति संजीव खन्ना और ड्राइवर श्याम राय के साथ मिलकर 24 वर्षीया शीना की हत्या की थी और शव को रायगढ़ जिले के जंगल में फेंक दिया था। अगस्त 2015 में एक दूसरे मामले में गिरफ्तार श्याम राय ने पूछताछ में हत्या का खुलासा किया। इसके बाद जंगल से शीना का अवशेष बरामद किया गया था। अवशेष शीना के होने की पुष्टि के लिए पुलिस ने फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद ली। दक्षिण मुंबई की अदालत में मजिस्ट्रेट आरवी एडोन के सामने पेश एक हजार पृष्ठों से ज्यादा के आरोप पत्र में 150 से अधिक गवाहों के बयान, 200 दस्तावेज शामिल हैं।
इसके अलावा मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए गए सात बयान भी आरोप पत्र में हैं। इसी वर्ष अगस्त महीने में गिरफ्तार इंद्राणी, खन्ना और राय की न्यायिक हिरासत की अवधि शुक्रवार को खत्म हो जाएगी। इस सनसनी खेज मामले की जांच मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त राकेश मारिया कर रहे थे। धन की हेराफेरी और विभिन्न पहलुओं के संदेह में महाराष्ट्र सरकार ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने की सिफारिश की थी। 29 सितंबर को मामला सीबीआइ के हवाले कर दिया गया।
मामले में पहले क्या हुआ
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीबीआई ने हाल ही में पीटर मुखर्जी की संपत्तियों पर छापा मारा है. मुखर्जी पर इस मामले में पुलिस को गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया है. उन पर आईपीसी की धारा 201 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सीबीआई के जांचकर्ताओं ने पीटर मुखर्जी के भाई और उनके बेटे राहुल मुखर्जी से 12 घंटे तक पूछताछ की है।राहुल मुखर्जी पीटर मुखर्जी के बेटे हैं जिनके शीना बोरा के साथ गहरे संबंध थे। राहुल ने ही सबसे पहले पुुलिस को शीना बोरा की गुमशुदगी की जानकारी दी थी। राहुल ने मीडिया के सवालों का जवाब देने से इनकार किया था।
शीना बोरा के भाई मिखाइल बोरा ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि उन्हें सीबीआई द्वारा की जा रही जांच के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।