शीना बोरा केस: सरकारी गवाह से पूछताछ करने वाले पुलिस अधिकारी की गवाही साक्ष्य नहीं
शीना बोरा हत्या केस में आरोपी इंद्राणी और पीटर इंस्पेक्टर दलवी की गवाही को साक्ष्य मानने को चुनौती देने के लिए हाई कोर्ट पहुंचे हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि शीना बोरा हत्या मामले में सरकारी गवाह श्यामवर राय से पूछताछ करने वाले पुलिस इंस्पेक्टर गणेश दलवी की गवाही को साक्ष्य के तौर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। न्यायमूर्ति साधना जाधव ने इस मामले में मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी की दलील को स्वीकारते हुए यह टिप्पणी की।
कोर्ट ने इस बात पर सहमति जताई कि दलवी को स्वतंत्र गवाह नहीं माना जा सकता है। इंद्राणी और पीटर इंस्पेक्टर दलवी की गवाही को साक्ष्य मानने को चुनौती देने के लिए हाई कोर्ट पहुंचे हैं। उन्होंने इंस्पेक्टर की गवाही को कानून का उल्लंघन बताया है। उनकी याचिका के मुताबिक, अभियोजन केवल राय के बयान पर भरोसा कर सकता है और इस पर नहीं कि पूछताछ के दौरान उसने पुलिस को क्या जानकारी दी।
राय को इस हत्याकांड में 2014 में गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान उसने इंद्राणी की बेटी शीना बोरा की हत्या का पर्दाफाश किया था। बाद में राय सरकारी गवाह बन गया और सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष उसका बयान दर्ज कराया गया था।
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