शरद पवार अब नहीं देंगे महाराष्ट्र में भाजपा सरकार को समर्थन
महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा के खटाते रिश्तों के बीच राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी अब इस सरकार को समर्थन नहीं देगी। पवार ने बुधवार को मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद किसी को भी
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा के खटाते रिश्तों के बीच राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी अब इस सरकार को समर्थन नहीं देगी। पवार ने बुधवार को मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राज्यमें विधानसभा चुनाव के बाद किसी को भी बहुमत नहीं मिला था।
तब राज्यको अस्थिरता से बचाने के लिए राकांपा ने भाजपा को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की थी। लेकिन अब एक साल बीत जाने के बाद परिस्थितियां बदल गई हैं। राज्य भीषण सूखे से गुजर रहा है। किसानों की आत्महत्या की घटनाएं बढ़ गई हैं। सरकार महंगाई पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। इसके बावजूद राज्य सरकार गंभीर नजर नहीं आ रही है। यही कारण है कि यदि अब राज्यमें शिवसेना-भाजपा गठबंधन टूट भी जाता है, तो राकांपा भाजपा सरकार को समर्थन नहीं देगी।
शिवसेना-भाजपा के रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे हैं। राकांपा ने भाजपानीत सरकार को समर्थन नहीं करने का भी फैसला कर लिया है। इसके बावजूद महाराष्ट्र के अनुभवी नेता पवार मध्यावधि चुनाव की संभावना से इन्कार करते हैं। उनका मानना है कि दोनों दल आपस में इसी तरह लड़ते-झगड़ते रहेंगे।
गाली-गलौज भी करते रहेंगे। लेकिन दोनों में से कोई भी कुर्सी नहीं छोड़ेगा। शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत द्वारा देवेंद्र फड़नवीस सरकार को सत्ता से बाहर जाने की सलाह को हास्यास्पद बताते हुए पवार ने कहा कि सरकार भाजपा ने बनाई है। शिवसेना उस सरकार में एक महीने बाद शामिल हुई। ऐसे में शिवसेना के इस प्रकार बयान देने का कोई तुक नहीं है। पवार का मानना है कि प्रधानमंत्री को दादरी घटना पर कुछ पहले प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी।