खाली रहेगी अजीत की कुर्सी
महाराष्ट्र के मराठा क्षत्रप और राकांपा के मुखिया शरद पवार ने कांग्रेस को उसी हथियार से चित कर दिया,जिसे दिखा कर वह पवार परिवार को डरा रही थी। शरद पवार ने मुख्यमंत्री पृथ्वी राज चह्वाण से उप मुख्यमंत्री अजीत पवार का इस्तीफा स्वीकारने का आग्रह करने के साथ ही राकांपा के 1
मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। महाराष्ट्र के मराठा क्षत्रप और राकांपा के मुखिया शरद पवार ने कांग्रेस को उसी हथियार से चित कर दिया,जिसे दिखा कर वह पवार परिवार को डरा रही थी। शरद पवार ने मुख्यमंत्री पृथ्वी राज चह्वाण से उप मुख्यमंत्री अजीत पवार का इस्तीफा स्वीकारने का आग्रह करने के साथ ही राकांपा के 19 मंत्रियों को पूर्ववत अपने अपने विभाग संभालने का निर्देश देकर साझा सरकार को संकट से उबार लिया। कांग्रेस पर दबाब बनाते हुए यह एलान भी किया कि अजीत पवार की कुर्सी तब तक खाली रहेगी, जब तक सिंचाई घोटाले पर श्वेतपत्र नहीं आ जाता। सरकार यह काम जल्द पूरा करे, ताकि सभी तथ्य सामने आ सकें। वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि अजीत के इस्तीफे से राकांपा के साथ 13 साल पुरानी दोस्ती में कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
शरद पवार ने शुक्रवार को सांसद पुत्री सुप्रिया सुले और भतीजे अजीत पवार के साथ मंत्रणा के बाद विधान भवन में राकांपा विधायकों संग बैठक की। विधायकों ने राकांपा प्रमुख ने लिखित अनुरोध किया कि वह अजीत को इस्तीफा वापस लेने के लिए राजी करें,लेकिन पवार ने इसके विपरीत सिंचाई घोटाले पर श्वेतपत्र शीघ्र लाने की मांग उठाकर लोगों को अचरज में डाल दिया। राकांपा प्रमुख ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, अजीत श्वेतपत्र का काम पूरा होने तक सरकार में कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैं। इसलिए उनकी इस्तीफा वापसी के कयास अब बंद हो जाने चाहिए। सिंचाई घोटाले पर श्वेतपत्र आने से यह तथ्य स्पष्ट हो जाएगा कि किस-किस क्षेत्र में पानी का उपयोग बढ़ा है। इसलिए महाराष्ट्र सरकार को जल्दी से जल्दी यह काम पूरा करना चाहिए।
उन्होंने कहा, सिंचाई के नाम पर बनाए गए बांधों का उपयोग पेयजल, उद्योग व विद्युत उत्पादन के लिए भी होता है। अपने लोकसभा क्षेत्र माढा के उजनी बांध का उल्लेख करते हुए कहा,यह बांध 1962 से बन रहा है और अभी भी काम पूरा नहीं हो सका है,क्योंकि बांध बनाने के लिए राज्य वह केंद्र सरकार से कई तरह की मंजूरियां लेनी पड़ती हैं। इसमें लंबा समय लगता है। यह कह कर पवार ने गेंद को कांग्रेस के पाले में ढकेलने की कोशिश भी की, क्योंकि बांध के लिए पर्यावरण संबंधी मंजूरियां केंद्र सरकार का पर्यावरण मंत्रालय देता है।
ज्ञात हो, 1999 से 2009 के दौरान अजीत पवार के सिंचाई मंत्री रहते विदर्भ और कोकण क्षेत्रों में बांध निर्माण में 30 हजार करोड़ से अधिक के गोलमाल का अनुमान लगाया जा रहा है। विपक्ष इस पर सरकार से श्वेतपत्र की मांग करता रहा है। मुख्यमंत्री चह्वाण श्वेतपत्र जारी करने पर सहमत भी हो गए थे। अजीत और राकांपा के अन्य नेताओं का मानना है कि चह्वाण श्वेतपत्र के जरिए अजीत को घेरना चाहते हैं। अजीत ने कांग्रेस पर यही आरोप लगाते हुए गत मंगलवार को उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
दलबदलू 11 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई चाहती है राकांपा
शिलांग। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की मेघालय शाखा ने पार्टी छोड़ने वाले 11 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य विधानसभा स्पीकर के समक्ष याचिका दाखिल की है। मेघालय राकांपा के दो विधायकों को छोड़कर बाकी 12 ने 24 अगस्त को पूर्व लोकसभा स्पीकर पीए संगमा की नेशनलिस्ट पीपुल्स पार्टी का दामन थाम लिया है। संगमा भी नई पार्टी बनाने से पहले राकांपा विधायक थे।
राकांपा की तदर्थ समिति संयोजक और डिप्टी स्पीकर सनबोर शुल्लई ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी ने अनुशासन तोड़ने वाले 11 विधायकों के खिलाफ उचित कार्रवाई के लिए स्पीकर को पत्र लिखा है। शुल्लई के मुताबिक संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत कोई भी निर्वाचित विधायक कार्यकाल के दौरान दलबदल नहीं कर सकता। इससे पहले भी राकांपा ने शिकायत की थी, जिसे स्पीकर ने ठुकरा दिया। स्पीकर चार्ल्स पिंगरोपे का कहना है कि वह राकांपा की ताजा शिकायत पर विचार कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि राकांपा के 11 विधायकों के एनपीपी में शामिल होने का कोई औपचारिक दस्तावेज उन्हें नहीं मिला है।
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