मोदी के कायल राजनाथ और शाह
गृह मंत्री राजनाथ सिंह अगर नरेंद्र मोदी को आम आदमी का प्रधानमंत्री मानते हैं तो भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का मानना है कि संगठन और कार्यकर्ता निर्माण उनका सबसे बड़ा योगदान है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । गृह मंत्री राजनाथ सिंह अगर नरेंद्र मोदी को आम आदमी का प्रधानमंत्री मानते हैं तो भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का मानना है कि संगठन और कार्यकर्ता निर्माण उनका सबसे बड़ा योगदान है। उनका कहना है कि मोदी की यही क्षमता थी कि उन्होंने गुजरात में भाजपा को संकट के समय से उबार कर अजेय स्थिति में ला दिया।
सोमवार को पुस्तक विमोचन के बाद शाह ने कहा कि आज पहली बार उन्हें यह मौका मिल रहा है कि सार्वजनिक मंच से नरेंद्र मोदी के बारे में बोलें। उन्होंने कहा कि उनका योगदान बहुत बड़ा है लेकिन उनकी नजर में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि मोदी ने कार्यकर्ताओं को बनाया। 2001 में जब उन्हें गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया तो वह पहले ऐसे व्यक्ति थे, जो पंचायत तक का चुनाव लड़े बिना सीधे मुख्यमंत्री बने थे। लिहाजा सवाल भी उठाए गए। लेकिन अपनी संगठन क्षमता और कार्यकुशलता से उन्होंने उसी गुजरात को भाजपा का सबसे मजबूत गढ़ बना दिया। जनता के कल्याण के प्रति उनका संकल्प उनकी किताबों में भी दिखता है और यही कारण है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से लेकर ई- गवर्नेंस तक उन्होंने नई पहल की।
राजनाथ ने अपने अध्यक्षीय भाषण में किताबों के सहारे ही विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा और मोदी को आम आदमी का प्रधानमंत्री भी करार दिया। उन्होंने कहा कि मोदी को नजदीकी से जानने का मौका तब मिला जब वह भाजपा के अध्यक्ष बने और तभी समझ गए कि मोदी में भाव, भाषा, संवेदना और जनता से संवाद की अद्भुत क्षमता है। परोक्ष रूप से राजनाथ ने यह जाहिर कर दिया कि उसके बाद ही उन्हें प्रधानमंत्री पद उम्मीदवार घोषित करने का मन बना था। राजनाथ ने कहा कि मोदी की जीवनी पर आधारित किताब में जिस तरह उन्हें आम आदमी का प्रधानमंत्री बताया गया है, वह सही है। वरना ऐसा नहीं होता कि प्रधानमंत्री बनते ही मोदी निचली सीढ़ी पर खड़े लोगों को भी जन धन के जरिये आर्थिक व्यवस्था से जोड़ते, या फिर खुद झाड़ू लेकर सड़क पर उतरते।
सरकार के प्रदर्शन के लेकर उठाए जा रहे सवालों का जवाब देते हुए राजनाथ ने कहा कि सरकार की शुरुआत बहुत अच्छी हुई है और पांच साल के बाद स्कोरिंग भी बहुत अच्छी होगी। इसी क्रम में उन्होंने सामाजिक समरसता पर भी बात की और कहा कि यह भाजपा और राजग के डीएनए में मौजूद है। वाजपेयी काल में सरकार को सहयोगियों की जरूरत थी। लेकिन अभी तो भाजपा के बहुमत है। फिर भी सामंजस्य और समरसता के लिए सबको साथ लेकर चल रही है।