देश में पुरातात्विक स्थलों की देखभाल के लिए मेरठ, झांसी सहित सात और नए सर्कल होंगे गठित
मौजूदा समय में पुरातात्विक स्थलों की देखभाल के लिए देश में कुल 29 सर्कल है। इनमें से अकेले उत्तर प्रदेश में तीन सर्कल थे।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पुरातात्विक स्मारकों के संरक्षण और उनके पंजीकरण की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए संस्कृति मंत्रालय ने मेरठ, झांसी, जबलपुर सहित देश में सात और नए सर्कल के गठन का फैसला लिया है। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बुधवार को इसकी घोषणा की। मौजूदा समय में पुरातात्विक स्थलों की देखभाल के लिए देश में कुल 29 सर्कल है। इनमें से अकेले उत्तर प्रदेश में तीन सर्कल थे। जिसमें लखनऊ, आगरा और सारनाथ सर्कल शामिल है। जो अब बढ़कर पांच हो गए है।
एएसआई के सर्कल का किया गया पुनर्गठन
केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने बताया कि पुरातात्विक स्थलों की बेहतर देखभाल के लिए एएसआई के सर्कल का पुनर्गठन किया गया है। जिसमें उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में झांसी में और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का नया सर्कल गठित होगा। इस तरह मध्य प्रदेश में जबलपुर को एक नया सर्कल बनाया गया है। जिसके क्षेत्र में जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग के स्मारकों को शामिल किया गया है। अभी तक यह सभी एएसआई के भोपाल सर्कल में आते है। इसके साथ ही गुजरात के राजकोट को, पश्चिम बंगाल के रायगंज को, तमिलनाडु के त्रिची को नया सर्कल बनाया गया है। वहीं कर्नाटक के हम्पी को जो अब तक उप-सर्कल था, उसे अब नया पूर्ण सर्कल बना दिया गया है।
पुरातात्विक स्मारकों के संरक्षण और पंजीयन की प्रक्रिया को मिलेगी मजबूती
मंत्रालय के मुताबिक नए सर्कल के गठन का फैसला पुरातात्विक स्मारकों के बेहतर देखभाल के लिहाज से लिया गया है। अभी इन सर्कल का दायरा इतना लंबा था, कि जहां से दूर-दराज के क्षेत्रों से स्थित स्मारकों का ठीक तरीके देखभाल नही हो पा रहा था।