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गोरखपुर मेडिकल कॉलेज हादसा: सिस्टम ने रोकीं सांसें, 63 की मौत, प्रधानाचार्य निलंबित

ऑक्सीजन की कमी से 63 मौतें होने के बाद निलंबित प्रधानाचार्य डॉ. राजीव मिश्र ने पद से इस्तीफा दे दिया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 13 Aug 2017 03:53 AM (IST)Updated: Sun, 13 Aug 2017 06:43 AM (IST)
गोरखपुर मेडिकल कॉलेज हादसा: सिस्टम ने रोकीं सांसें, 63 की मौत, प्रधानाचार्य निलंबित
गोरखपुर मेडिकल कॉलेज हादसा: सिस्टम ने रोकीं सांसें, 63 की मौत, प्रधानाचार्य निलंबित

जेएनएन, लखनऊ। गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से 48 मौतें होने की गाज राज्य सरकार ने वहां के प्रधानाचार्य डॉ. राजीव मिश्र पर गिराकर उन्हें निलंबित कर दिया। प्रधानाचार्य पर सरकार ने लापरवाही का आरोप लगाया है लेकिन सरकार यह मानने को तैयार नहीं है कि इन मौतों की वजह ऑक्सीजन की कमी रही। इस बीच अस्पताल में शनिवार देर रात तक नौ मासूमों सहित 12 लोगों की और मौत हो गई। इस तरह से कुल मरने वालों की संख्या 63 हो गई है। हादसे की जानकारी मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल को घटना की जानकारी लेने गोरखपुर भेजा।

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-मंत्रियों से रिपोर्ट लेने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, 'ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं'-प्रधानाचार्य का इस्तीफा, सरकार ने कहा

-सस्पेंड करने के बाद इस्तीफे का आधार नहीं

- विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा, गोरखपुर समेत कई जगहों पर प्रदर्शन

 अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही, कमीशनखोरी, मेडिकल कॉलेज में प्राचार्य की पत्नी के दखल आदि तमाम आरोपों के बीच राज्य सरकार शनिवार सुबह हरकत में आई और मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन को अपने आवास पर बुलाकर उन्हें तत्काल गोरखपुर जाने का आदेश दिया। दोनों मंत्रियों ने शाम को वहां से आकर अपनी रिपोर्ट दी। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल, सिद्धार्थनाथ सिंह और आशुतोष टंडन के साथ संयुक्तरूप से प्रेस कांफ्रेस की।

 योगी ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है। पहली नजर में प्रधानाचार्य की लापरवाही सामने आई है, इसलिए उन्हें सस्पेंड किया गया है। यह कहे जाने पर कि प्रधानाचार्य ने तो इस्तीफा दे दिया, योगी बिफर गए और कहा कि सस्पेंड करने के बाद इस्तीफे का आधार नहीं बनता। यह पूछे जाने पर कि ऑक्सीजन से मौतें नहीं हुई तो कार्रवाई क्यों, इस पर मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली कंपनी का भुगतान रोकने की वजह से उन्हें सस्पेंड किया गया।

 मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है जो ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी की भूमिका की जांच कर एक हफ्ते में रिपोर्ट देगी। अनुप्रिया पटेल ने कहा कि वह पूरे मामले की रिपोर्ट प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भेजेंगी।इस बीच शनिवार को गोरखपुर में इस घटना को लेकर दिनभर सरगर्मी बनी रही। मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और आशुतोष टंडन अधिकारियों के साथ बैठक करते रहे, उधर, मृतकों के घरवालों का विलाप सुनाई पड़ता रहा। अधिकारियों के बीच भी अफरातफरी नजर आई।

 बवाल की आशंका के मद्देनजर परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। दोनों मंत्रियों ने बैठक के बाद पत्रकार वार्ता कर ऑक्सीजन की कमी से इन्कार किया और लखनऊ चले आए। घटना को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस, सपा, बसपा ने इसके लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। घटना को लेकर कई जगह प्रदर्शन भी हुए।

जेएनएन, लखनऊ। गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से 63 मौतें होने के बाद शनिवार को राज्य सरकार ने वहां के प्रधानाचार्य डॉ. राजीव मिश्र को निलंबित कर दिया। प्रधानाचार्य डॉ. राजीव मिश्र ने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस बीच अस्पताल में सात और मौतें हो गईं। इस तरह से कुल मरने वालों की संख्या 63 हो गई है। इस बीच त्रासदी की जानकारी मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल को घटना की जानकारी लेने गोरखपुर भेजा। 

-ऑक्सीजन की कमी से मरने वालों की कुल संख्या हुई 63  
-मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित, ऑक्सीजन सप्लायर की भूमिका की होगी जांच 
-मंत्रियों से रिपोर्ट लेने के बाद मुख्यमंत्री बोले, ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं

शनिवार की शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर भेजे गए अपने मंत्रियों सिद्धार्थनाथ सिंह और आशुतोष टंडन से रिपोर्ट ली और प्रेस कांफ्रेस बुलाकर कहा कि कोई भी मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है जो ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी की भूमिका की जांच करेगी। घटना को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। कांग्र्रेस, सपा, बसपा ने इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। घटना को लेकर कई जगह प्रदर्शन भी हुए।


अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही, कमीशनखोरी, मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल की पत्नी के दखल आदि तमाम आरोपों के बीच राज्य सरकार शनिवार सुबह हरकत में आई और मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन को अपने आवास पर बुलाकर उन्हें तत्काल गोरखपुर जाने का आदेश दिया। दोनों मंत्रियों ने शाम को वहां से आकर अपनी रिपोर्ट दी। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल्, सिद्धार्थनाथ सिंह और आशुतोष टंडन के साथ संयुक्तरूप से प्रेस कांफ्रेस की। योगी ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है। पहली नजर में प्रिंसिपल की लापरवाही सामने आई है, इसलिए, उन्हें निलंबित किया गया है। यह पूछे जाने पर कि ऑक्सीजन की कमी से मौतें नहीं हुईं तो निलंबन क्यों, इस पर मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली कंपनी का भुगतान रोकने की वजह से उन्हें निलंबित किया गया। अनुप्रिया पटेल ने कहा कि उन्होंने पूरे मामले की रिपोर्ट प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भेजी है।


गोरखपुर में इस घटना को लेकर दिनभर सरगर्मी बनी रही। मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और आशुतोष टंडन के आने की वजह से अधिकारी सहमे रहे। कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने भी प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के नेतृत्व में पीडि़तों से मुलाकात की। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दिनभर बवाल की आशंका में पुलिस फोर्स तैनात रही। इधर, राजधानी में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती ने इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

 

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