Coronavirus in CG: छत्तीसगढ़ के क्वारंटाइन सेंटरों में बदइंतजामी के चलते एक सप्ताह में सात की मौत
प्रदेश के दो जिलों मुंगेली और राजनांदगांव में एक-एक श्रमिक की मौत सांप काटने से हुई। इन श्रमिकों को जमीन पर सोने की व्यवस्था की गई थी।
रायपुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ में घर वापसी करने वाले श्रमिकों को क्वारंटाइन सेंटरों में रखा गया है। इन सेंटरों में बदइंतजामी मौत बांट रही है। दरअसल, श्रमिक सांप काटने से लेकर गंभीर बीमार होने पर त्वरित इलाज न मिल पाने जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। कुछेक श्रमिक अवसाद में भी हैं। आलम यह है कि एक सप्ताह में सात श्रमिकों की क्वारंटाइन सेंटरों में मौत हो गई।
प्रदेश के दो जिलों मुंगेली और राजनांदगांव में एक-एक श्रमिक की मौत सांप काटने से हुई। इन श्रमिकों को जमीन पर सोने की व्यवस्था की गई थी। जांजगीर-चांपा के क्वारंटाइन सेंटर में एक मजदूर की मौत हार्ट अटैक से हो गई। आरोप है कि समय रहते उसे इलाज नहीं मिल पाया। इस श्रमिक की जांच रैपिड टेस्ट किट से गई थी, जिसमें रिपोर्ट निगेटिव आई थी। सारंगढ़, बालोद, बलरामपुर एवं बेमेतरा में भी एक-एक की मौत हो गई।
क्वारंटाइन सेंटरों की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासनों को सौंपी गई
गौरतलब है कि प्रदेश में करीब डेढ़ लाख मजदूरों की घर वापसी हुई है। क्वारंटाइन सेंटर में व्यवस्था की जिम्मेदारी स्थानीय जिला प्रशासन को सौंपी गई है। पंचायत विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी ने बताया कि सभी जिलों में क्वारंटाइन सेंटरों की व्यवस्था का जिम्मा स्थानीय जिला प्रशासन को सौंपा गया है। सांप और अन्य जंगली जानवर से बचाव के इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश के अलग-अलग सेंटरों में हो रही अव्यवस्था को देखते हुए कलेक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वे व्यवस्था में सुधार करें। अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार लोगों को चिह्नित कर दंडित करें।
1.24 लाख श्रमिक हैं क्वारंटाइन सेंटरों में
बाहरी प्रदेश से आए मजदूरों को रुकने के लिए प्रदेश में 18 हजार 127 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। इसमें छह लाख 84 हजार लोगों के रुकने की व्यवस्था पंचायत विभाग की ओर से की गई है। वर्तमान में एक लाख 24 हजार श्रमिक क्वारंटाइन सेंटर में हैं।