बांग्लादेशी समेत दो दोषियों की अपील का चार माह में करें निपटारा, SC का इलाहाबाद HC को निर्देश
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा हम हाई कोर्ट से अनुरोध करते हैं कि राज्य द्वारा अतिरिक्त पेपर बुक दाखिल करने की तारीख से चार महीने के भीतर उन दोषियों की दायर आपराधिक अपीलों का निपटारा करने का प्रयास किया जाए।
नई दिल्ली, प्रेट्र। लंबे समय तक जेल में बंद कैदियों के मामले पर चिंता व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट को निर्देश दिया कि वह चार माह में उन अपीलों पर फैसला करे जो आजीवन कारावास की सजा काट रहे दो दोषियों ने दायर की हैं। उम्र कैद की सजा पाए दोनों कैदी 30 और 15 साल से हिरासत में हैं।
शीर्ष कोर्ट ने राज्य को भी निर्देश दिया कि यदि दोषियों ने ऐसा नहीं किया है तो हाई कोर्ट के नियमों के अनुसार दो सप्ताह के भीतर लंबित अलग-अलग अपीलों में पेपर बुक दाखिल करें, ताकि ये मामले सुनवाई के लिए आगे बढ़ सकें।
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा, हम हाई कोर्ट से अनुरोध करते हैं कि राज्य द्वारा अतिरिक्त पेपर बुक दाखिल करने की तारीख से चार महीने के भीतर उन दोषियों की दायर आपराधिक अपीलों का निपटारा करने का प्रयास किया जाए। पीठ ने कहा, तथ्यों से ऐसा लग सकता है कि यह याचिकाकर्ताओं को लंबे समय तक जेल में रखने का एक गंभीर मामला है।
शीर्ष कोर्ट ने हत्या के अलग-अलग मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे दो दोषियों की दाखिल याचिका पर यह आदेश पारित किया। दोनों कैदियों ने इस आधार पर जमानत दिए जाने की अपील की है कि वे पहले ही क्रमश 30 और 15 साल से अधिक समय से हिरासत काट चुके हैं और दोषसिद्धि के खिलाफ उनकी अपील हाई कोर्ट के समक्ष लंबित है।
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