देश में रूसी कोविड वैक्सीन स्पुतनिक-वी भी बनाएगी सीरम इंस्टीट्यूट, DCGI ने मंजूरी दी
कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए देश में वैक्सीन उत्पादन और टीकाकरण पर सरकार पूरा जोर दे रही है। इसी कड़ी में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने शुक्रवार को स्पुतनिक-वी के निर्माण के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को मंजूरी दे दी है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए देश में वैक्सीन उत्पादन और टीकाकरण पर सरकार पूरा जोर दे रही है। इसी कड़ी में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने शुक्रवार को स्पुतनिक-वी के निर्माण के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को मंजूरी दे दी है। मालूम हो कि भारत में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी बनाने के लिए सीरम ने डीसीजीआइ से ट्रायल लाइसेंस की अनुमति मांगी थी। डीसीजीआई की मंजूरी के बाद सीरम भारत में स्पुतनिक-वी का निर्माण कर सकेगा।
डीसीजीआई ने स्पुतनिक-वी के उत्पादन, परीक्षण और विश्लेषण के लिए निर्माण की अनुमति दी है। सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआइआइ) ने देश में ही कोविड-19 वैक्सीन स्पुतनिक वी के उत्पादन के लिए परीक्षण लाइसेंस की अनुमति मांगते हुए भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआइ) को आवेदन दिया था। मालूम हो कि मौजूदा वक्त में डा. रेड्डीज लैबोरेट्रीज भारत में रूस के स्पुतनिक वी टीके का उत्पादन कर रही है।
एक सूत्र ने बताया, सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया ने भारत के औषधि महानियंत्रक को बुधवार को एक आवेदन दिया। इसमें कोविड-19 टीके स्पुतनिक वी के भारत में निर्माण के लिए परीक्षण लाइसेंस दिए जाने की अनुमति मांगी गई है। सीरम पहले ही सरकार को बता चुका है कि वह जून में 10 करोड़ डोज कोविशील्ड का उत्पादन और आपूर्ति करेगा। सीरम नोवावैक्स टीका भी बना रही है। नोवावैक्स के लिए अमेरिका से नियामक संबंधी मंजूरी अभी नहीं मिली है।
वहीं अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर को कोरोना वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभाव पर क्षतिपूर्ति से छूट देने के मामले में कोई फैसला नहीं हुआ है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पाल ने कहा कि फाइजर को छूट देने की स्थिति में सरकार उन स्वदेशी कंपनियों का पूरा ख्याल रखेगी जिन्होंने देश में वैक्सीन उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मालूम हो कि फाइजर ने दलील दी है कि दुनिया के अन्य देशों को वैक्सीन आपूर्ति करने की शर्तों का हवाला देते हुए कहा कि सभी ने क्षतिपूर्ति से छूट दी है।
रिलायंस ने मांगी जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन के आयात की अनुमति
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सहयोगी संगठन रिलायंस फाउंडेशन ने अपने समूह के कर्मियों के टीकाकरण के लिए सरकार से जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन के आयात की अनुमति मांगी है। जॉनसन एंड जॉनसन अमेरिका की कंपनी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को दिए पत्र में फाउंडेशन ने कहा है कि उसे 20 लाख खुराक के आयात की अनुमति दी जाए। इस वैक्सीन का इस्तेमाल वह देश भर में अपने समूह के कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के टीकाकरण में करेगा। पत्र में साफ किया गया है कि वह इस वैक्सीन का कोई व्यावसायिक इस्तेमाल नहीं करेगा।