हंदवाड़ा मामले में दोषियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई: महबूबा मुफ्ती
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती हालात का जायजा लेने हंदवाड़ा पहुंची। उन्होंने भरोसा दिलाया की दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। 'मैंने कभी ख्वाब में भी नहीं सोचा था कि मुख्यमंत्री बनने के बाद मुझे आप लोगों के बीच ऐसे हालात में आना पड़ेगा। यह अत्यंत दुर्भाग्यजनक है, लेकिन मैं आपको यकीन दिलाती हूं कि मृतकों व उनके परिजनों के साथ पूरा इंसाफ होगा। दोषियों को कठोर दंड मिलेगा।' यह बात महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कुपवाड़ा के लोगों से विधि व्यवस्था बनाए रखने और अमन बहाली में राज्य सरकार की कोशिशों में सहयोग का आग्रह करते हुए कही।
महबूबा ने कहा कि मैंने संबंधित अधिकारियों को कठोर शब्दों में कहा है कि स्टैंडिंग ऑपरेशनल प्रोसीजर (एसओपी) सिर्फ शब्दों में नहीं हो, यह विधि व्यवस्था के संकट के दौरान पहला और प्रमुख हथियार होना चाहिए। आम लोगों को जान-माल या किसी अन्य प्रकार का नुकसान असहनीय है।
केंद्र भेजेगा घाटी में अतिरिक्त केंद्रीय बल
जम्मू-कश्मीर में हालात को काबू करने के लिए और अधिक केंद्रीय अद्र्धसैनिक बल भेजे जाएंगे। गृहसचिव राजीव महर्षि की अध्यक्षता में हुई बैठक में हालात की समीक्षा के बाद यह फैसला किया गया। पुलिस गोलीबारी में पांच लोगों की मौत पर चिंता जताते हुए गृहमंत्रालय ने राज्य सरकार को सुनिश्चित करने को कहा कि आगे किसी की जान न जाए। इसके लिए राज्य सरकार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया गया है।
घाटी में जारी हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए राजीव महर्षि की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक हुई। बैठक में खुफिया ब्यूरो, केंद्रीय अद्र्धसैनिक बलों, रक्षा मंत्रालय के साथ-साथ गृहमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। हालात की समीक्षा और कानून व्यवस्था के लिए राज्य सरकार की जरूरतों को देखते हुए घाटी में 3600 अतिरिक्त केंद्रीय अद्र्धसैनिक बल भेजने का फैसला लिया गया।
आज फिर अलगाववादियों का बंद
जम्मू-कश्मीर में पिछले कई दिनों से जारी तनाव के बीच आज फिर अलगाववादियों ने घाटी में बंद का एलान किया है। बंद का व्यापक असर भी दिखाई दे रहा है। कई इलाकों में दुकानें पूरी तरह बंद हैं। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है और संभावति हिंसा से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद नजर आ रहा है। चप्पे चप्पे पर पुलिसबल तैनात है। प्रशासन ने स्थिति पर काबू पाने के लिए श्रीनगर के सात थाना क्षेत्रों के अलावा उत्तरी कश्मीर व दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में निषेधाज्ञा लागू रखी है। हड़ताल और निषेधाज्ञा से सामान्य जनजीवन पूरी तरह ठप होकर रह गया है।
वहीं कुछ मानवाधिकार संस्था पीड़ित की मां के साथ श्रीनगर पहुंचे हैं। जिसके बाद पुलिस ने उनके दफ्तरों को सील कर दिया है। मीडिया को भी वहां जाने की इजाजत नहीं दी गई है।
बता दें कि बीते पांच दिनों से कश्मीर में जारी हिंसा और बंद के दौर में पांच लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 175 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों समेत 300 के करीब लोग जख्मी हुए हैं। रेल सेवाएं भी हालात सामान्य होने तक स्थगित कर दी गई हैं जबकि कुपवाड़ा में सभी शिक्षण संस्थानों में अवकाश व कश्मीर विश्वविद्यालय और राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड ने शनिवार आज होने वाली सभी परीक्षाओं को हालात के मददेनजर स्थगित कर दिया है। शरारती तत्वों द्वारा हालात बिगाडऩे के लिए इंटरनेट, व्हाटसअप का सहारा लिए जाने का संज्ञान लेते हुए इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।
हंदवाड़ा कांड के बाद से जारी है घाटी में तनाव
हंदवाड़ा गोलीकांड के विरोध में कश्मीर घाटी में शुक्रवार लगातार चौथे दिन भी बंद के दौरान पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर झड़पें हुईं। भीड़ ने उत्तरी कश्मीर के नतनुसा (कुपवाड़ा) में सैन्य शिविर पर हमला कर जवानों से हथियार छीनकर आग लगाने का प्रयास किया। इसपर सुरक्षाबलों को गोली चलानी पड़ी, जिसमें प्रदर्शनकारी आरिफ हुसैन डार की मौत हो गई। वहीं नतनुसा फायरिंग में युवक की मौत के विरोध में अलगाववादियों आज कश्मीर बंद बुलाया है।
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