पेंशन को छोड़कर दूसरी सरकारी योजनाओं के बारे में नहीं जानते हैं बुजुर्ग
सरकार ने भले ही बुजुर्गों के लिए बड़े पैमाने पर योजनाएं चला रखी है, लेकिन पेंशन को छोड़ बाकी योजनाओं के बारे में उन्हें जानकारी काफी कम है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। बुजुर्गों का पूरा ख्याल रखते हुए सरकार ने भले ही उनके लिए बड़े पैमाने पर योजनाएं चला रखी है, लेकिन पेंशन को छोड़ बाकी योजनाओं के बारे में उन्हें जानकारी काफी कम है। यह खुलासा ग्रामीण विकास मंत्रालय की संस्था राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान ( एनआईआरडीपीआर ) की एक रिपोर्ट में हुआ है। जिसमें उनके लिए चलाई जा रही योजनाओं को लेकर उनकी अनभिज्ञता सामने आयी है। इसके बाद संस्थान ने सरकार से बुजुर्गों को उनसे जुड़ी योजनाओं की जागरुकता के लिए अभियान चलाने की सिफारिश की है। जाहिर है कि जागरुकता के बाद ही बुजुर्गों को योजनाओं का लाभ भी मिलेगा।
बुजुर्गों की कुल जनसंख्या 12 करोड़ के आसपास
देश में मौजूदा समय में बुजुर्गों की कुल जनसंख्या 12 करोड़ के आसपास है। संस्थान ने इस दौरान तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में यह अध्ययन किया है। साथ ही माना है कि ऐसी ही कमोवेश स्थिति दूसरे राज्यों में भी बुजुर्गों की होगी।
जानकारी सिर्फ पेंशन तक सीमित
संस्थान ने इस दौरान अध्ययन में पाया कि सरकारी योजनाओं को लेकर उनकी सिर्फ पेंशन से जुड़ी योजनाओं तक ही सीमित है। दूसरी योजनाओं के बारे में उनकी जानकारी काफी कम है। संस्थान ने जिन सरकारी योजनाओं के बारे में सवाल किए थे, वह पेंशन, वित्त, स्वास्थ्य जैसे योजनाओं से जुड़ी थी।
कुछ इस तरह के पूछे गए थे सवाल
एनआईआरडीपीआर ने इस दौरान जिन योजनाओं को लेकर सवाल तैयार किए थे, उनमें पूछा गया था...
- क्या वह सीनियर सिटीजन एक्ट के बारे में जानते हैं?
- क्या वह जानते हैं कि यदि बच्चे उनकी देखभाल नहीं करेंगे, तो उन्हें दंडित भी किया जा सकता है?
इसके अलावा परिवहन रियायतों को लेकर भी उनसे सवाल किए गए थे। साथ ही, पूछा गया कि क्या उन्हें पता है कि डाकघर और राष्ट्रीय बैंकों में बचत जमा पर अधिक ब्याज मिलता है? इस दौरान बुजुर्गों से वित्त मंत्रालय की रिवर्स योजना के बारे में भी सवाल किया गया। जिसमें कोई भी बुजुर्ग अपने भरण-पोषण और इलाज के लिए अपनी संपत्ति को गिरवी रखकर बैंक से ऋण प्राप्त कर सकते है।