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Banking Sector Crisis: सेमीकंडक्टर चिप ने अटकाए लाखों डेबिट कार्ड; चिप की कमी के चलते बैंकिंग सेक्टर प्रभावित, लाखों खाताधारक परेशान

ताइवान में कोरोना संकट के चलते डेबिट कार्ड में इस्तेमाल होने वाली सेमीकंडक्टर चिप का उत्‍पादन नहीं हो पा रहा है। इसके असर से भारत भी अछूता नहीं है। इससे भारत में डेबिट कार्ड नहीं बन पा रहे हैं। पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 10:54 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 04:35 AM (IST)
Banking Sector Crisis: सेमीकंडक्टर चिप ने अटकाए लाखों डेबिट कार्ड; चिप की कमी के चलते बैंकिंग सेक्टर प्रभावित, लाखों खाताधारक परेशान
देश में सेमीकंडक्टर चिप की कीमतें बढ़ गई हैं। (File Photo)

नई दिल्ली [जागरण न्‍यूज नेटवर्क]। कई बैंकों के लाखों खाताधारक डेबिट कार्ड नहीं मिलने से परेशान हैं। दरअसल, डेबिट कार्ड में इस्तेमाल होने वाली सेमीकंडक्टर चिप ताइवान में कोरोना संक्रमण के चलते बन नहीं पा रही है। इससे डेबिट कार्ड तैयार करने का काम लगभग ठप हो चुका है। विभिन्न बैंकों के अधिकारियों की मानें तो यह समस्या दिसंबर तक ऐसे ही रहने वाली है।

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किसी तरह काम चला रहे बैंक 

बैंक अधिकारियों कहना है कि डेबिट कार्ड के लिए उन लोगों को परेशान होना पड़ रहा है, जिन्होंने बीते एक साल में खाता खुलवाया है या जिनका कार्ड एक्सपायर हो गया है। बैंक इनमें से केवल 20 प्रतिशत लोगों की मदद कर पा रहा है, जिन लोगों को डेबिट कार्ड की बहुत ज्यादा जरूरत है, उन्हें प्री-जेनरेटेड कार्ड देकर बैंक किसी तरह काम चला रहे हैं। यह कार्ड भी अब खत्म होने की स्थिति में हैं।

तीन गुना हो गई है चिप की कीमत

वर्तमान में ताइवान, मलेशिया, चीन, अमेरिका स्थित चिप निर्माता कंपनियां मांग का केवल पांच से 10 प्रतिशत ही उत्पादन कर रही हैं। इस वजह से 100 रुपये की चिप अब 300 रुपये में मिल रही है। इस कमी के चलते ना सिर्फ यह बैंकिंग बल्कि आटोमोबाइल, इलेक्ट्रानिक्स सहित अन्य क्षेत्र भी प्रभावित हो रहे हैं।

समस्‍या से जूझ रहे बैंक

डेबिट कार्ड उपलब्धता को लेकर देश के लगभग सभी बैंकों में दिक्कत है। कोशिश है कि जल्द ही बैकलाग खत्म हो और लोगों को जल्द से जल्द डेबिट कार्ड मिलने शुरू हो जाएं। 

-तरसेम सिंह जीरा, संयोजक, राज्यस्तरीय बैंक संघ, भोपाल

बैंकिंग सेक्टर प्रभावित

सेमीकंडक्टर की कमी का सामना आटो सेक्टर ही नहीं बैंकिंग सेक्टर भी कर रहा है। इसके चलते वेंडर ने कार्ड के दाम बढ़ा भी दिए हैं। निजी बैंकों में कार्ड खरीदने की आसान प्रक्रिया है, लेकिन सार्वजनिक बैंकों के साथ दिक्कत यह है कि उन्हें पूरी निविदा प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है, जिसमें महीनों लग जाते हैं।

- अश्वनी राणा, संस्थापक, वायस आफ बैंकिग

(इनपुट- भोपाल से दक्षा वैदकर और नई दिल्ली से नेमिष हेमंत)  


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