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फ्लाप साबित हो रही है रेलवे की फ्लेक्सी फेयर स्कीम

आमदनी में यह कमी खासकर लंबी दूरी की ट्रेनों और उनमें भी फ‌र्स्ट और सेकंड एसी की बुकिंग घटने के कारण हुई है।

By Atul GuptaEdited By: Published: Wed, 26 Oct 2016 07:32 PM (IST)Updated: Wed, 26 Oct 2016 08:39 PM (IST)
फ्लाप साबित हो रही है रेलवे की फ्लेक्सी फेयर स्कीम

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। रेलवे की फ्लेक्सी फेयर स्कीम फ्लॉप साबित हुई है। शुरुआती दिनों में रेलवे को इसकी कामयाबी का भ्रम हुआ था। लेकिन ज्यों-ज्यों दिन बीते, यात्रियों ने इस महंगे व जटिल विकल्प के बजाय दूसरी ट्रेनों और उड़ानों पर दांव लगाना शुरू कर दिया। फलस्वरूप बाद में स्कीम की अनेक ट्रेने खाली चलने लगीं। ऐसे में स्कीम से 500 करोड़ की अतिरिक्त कमाई का रेलवे का मंसूबा पूरा होगा, इसमें संदेह है।

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घटती आमदनी को त्यौहारों के दौरान उछालने के लिए रेलवे ने 9 सितंबर को फ्लेक्सी फेयर स्कीम लांच की थी। इसके तहत राजधानी, दूरंतो और शताब्दी ट्रेनों में हर दस फीसद बुकिंग पर किराये में दस फीसद वृद्धि के साथ अधिकतम डेढ़ गुना किराये लागू कर दिए गए थे। तब इस पर सवाल उठे थे। परंतु रेलवे बोर्ड ने इन्हें यह कहकर खारिज कर दिया था कि पहले दो दिनों में ही स्कीम से डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त कमाई हुई है।

तबसे डेढ़ महीना बीत चुका है। मगर रेलवे बोर्ड यह बताने से कतरा रहा है कि पहले एक महीने में स्कीम से कुल कितनी कमाई हुई है। बहाना होता है कि अभी आंकड़े तैयार हो रहे हैं। जबकि हकीकत यह है कि रेलवे में आंकड़े रोजाना अपडेट होते हैं। हर दस दिन का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाता है। परंतु अफसर त्यौहारी मांग के चुनिंदा 20 दिनों में घटते आंकड़ों के बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं।

बहरहाल, सितंबर तथा अक्टूबर के दस दिनों के आंकड़े हकीकत को बयान कर रहे हैं। इनसे पता चलता है कि यात्री और माल यातायात-दोनो मोर्चो पर रेलवे की हालत खस्ता है। खासकर यात्री मोर्चे पर हालात बेहद चिंताजनक हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अक्टूबर के पहले दस दिनों में यात्रियों की कुल संख्या 23.34 करोड़ से घटकर 21.87 करोड़, जबकि यात्रियों से आमदनी 1220.44 करोड़ रुपये से घटकर 1179.68 करोड़ रुपये रह गई है।

आमदनी में यह कमी खासकर लंबी दूरी की ट्रेनों और उनमें भी फ‌र्स्ट और सेकंड एसी की बुकिंग घटने के कारण हुई है। उक्त दस दिनों में लंबी दूरी की ट्रेनों से आमदनी में 7.48 फीसद, जबकि फ‌र्स्ट एसी व सेकंड एसी से आमदनी में क्रमश: 18.18 प्रतिशत और 16.04 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

भीषण त्यौहारी मांग के कारण हालांकि अगले 11 से 20 अक्टूबर के दौरान यात्रियों की बुकिंग और कमाई में कुछ इजाफा हुआ है। लेकिन पंद्रह दिन बाद जब त्यौहारी जुनून उतर जाएगा, तब फ्लेक्सी फेयर स्कीम के पुन: अपनी गति को प्राप्त हो जाने का खतरा है।

पढ़ें- रेल यात्रियों को महंगा लग रहा है फ्लेक्सी फेयर, जानिए क्या होता है इसका मतलब


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