शिलांग में दलित सिखों पर सुरक्षा का खतरा, जायजा लेने के लिए पंजाब CM ने भेजे चार सदस्यीय टीम
शिलांग के दलित सिखों पर मंडरा रहे सुरक्षा खतरों पर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए चार सदस्यीय टीम को वहां भेजने का फैसला किया।
चंडीगढ़ (एजेंसी)। मेघालय की राजधानी शिलांग में अब भी हालात बेहद तनावपूर्ण है। इस दौरान दूसरे दिन भी शहर में कर्फ्यू लगे रहे। रातभर हुई हिंसा के दौरान एक दुकान और एक घर को आग के हवाले कर दिया गया।यहां के दलित सिखों पर मंडरा रहे सुरक्षा खतरों पर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह गंभीर चिंता व्यक्त की है। इसके लिए उन्होंने चार सदस्यीय टीम को मेघायल भेजने का फैसला किया है। इस टीम का नेतृत्व कैबिनेट मंत्री सुखजिंदगर रंधावा करेंगे, जबकि उनके अलावा सांसद गुरजीत उजला, रवनीत बिट्टू और विधायक कुलदीप सिंह वैद होंगे। ये सोमवार को शिलांग के लिए रवाना होंगे।
ये टीम शिलांग के प्रभावित इलाकों का दौरा कर वहां के हालात का जायजा लेंगे। रविवार को आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि शिलांग दौरे पर आई चार सदस्यीय टीम यहां के सिख समुदाय की मदद के लिए मेघालय सरकार के सहयोग से सभी संभव प्रयास करेंगी।
सीएम अमरिंदर सिंह ने अपनी टीम को इस बाबत सख्त निर्देश दिए हैं। पंजाब सीएम ने मेघालय के सीएम कॉनराड संगमा से भी अपने टीम को सहयोग करने की अपेक्षा की है। साथ ही उनसे प्रभाविक इलाकों में उनके दौरे को अनुमति देने की अपील की है। उन्होंने संगमा से अपनी टीम के दौरे के मद्देनजर वहां के सिख समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों को पूरी सुरक्षा प्रदान करने की अपील की है।
वहीं मेघालय के सीएम ने भी पंजाब के सीएम को सिख समुदायों की पूर्ण सुरक्षा के लिए आश्वासन दिया है। संगमा ने मेघालय में किसी गुरूद्वारा या अन्य किसी धार्मिक स्थल में किसी भी प्रकार के नुकसान से इनकार किया है। मेघालय सीएम ने कहा है कि वे व्यक्तिगत स्तर पर हालात पर नजर बनाए हुए हैं इस बात को सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी भी इलाके में किस प्रकार की सांप्रदायिक दंगे और झगड़े ना हो ताकि इलाके में फिर से तनाव पैदा ना हो।
अमरिंदर ने दलित सिखों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मेघालय सरकार को सभी संभव सहायता की पेशकश की है। उन्होंने कहा, यदि आवश्यक हो तो केंद्र को सांप्रदायिक तनावों को कम करने में हस्तक्षेप करना चाहिए। आपको बता दें कि शिलांग के बारा बाजार इलाके में गुरुवार दोपहर को खासी बस चालक और दलित पंजाबी महिला के बीच एक तर्क के बाद यह तनाव पैदा हुआ जिसने बाद में एक बड़ी हिंसा का रूप ले लिया।