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ड्रोन वारफेयर से निपटने के लिए सभी सुरक्षा बलों को होना चाहिए तैयार : एनएसजी डीजी एमए गणपति

नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के महानिदेशक एमए गणपति ने शनिवार को कहा कि देश में विभिन्न खतरे की धारणाएं देखी जा रही हैं और उनमें आतंकवाद प्रमुख है। उन्होंने कहा कि एनएसजी किसी भी स्थिति में सभी आतंकी गतिविधियों का सामना करने के लिए तैयार है।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 03:58 PM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 03:58 PM (IST)
ड्रोन वारफेयर से निपटने के लिए सभी सुरक्षा बलों को होना चाहिए तैयार : एनएसजी डीजी एमए गणपति
नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के महानिदेशक एमए गणपति ।

नई दिल्ली, एएनआइ। नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के महानिदेशक एमए गणपति ने शनिवार को कहा कि देश में विभिन्न खतरे की धारणाएं देखी जा रही हैं और उनमें आतंकवाद प्रमुख है। एनएसजी के 37वें स्थापना दिवस के मौके पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि एनएसजी किसी भी स्थिति में सभी आतंकी गतिविधियों का सामना करने के लिए तैयार है। देश में कुछ स्थानों पर पारंपरिक आतंकी गतिविधियों के अलावा पेलोड ले जाने और हथियारों की तस्करी के लिए ड्रोन के इस्तेमाल का विश्लेषण प्रमुख आतंकी खतरे की धारणाओं के बीच किया जा रहा है। अधिकारी ने सुझाव दिया कि सभी सुरक्षा बलों को ड्रोन की चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को तैयार करना चाहिए।

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एमए गणपति ने कहा कि ड्रोन वारफेयर एक नई चुनौती है और इससे निपटने के लिए हमें खुद को तकनीकी रूप से उन्नत करना होगा। हमने ड्रोन चुनौतियों से निपटने के लिए खुद को लगभग अपग्रेड कर लिया है, लेकिन प्रमुख मुद्दा यह है कि सीमा सुरक्षा बल, सशस्त्र बल और पुलिस समेत सभी बलों को अपनी ड्रोन विरोधी क्षमताओं को बढ़ाने की जरूरत है। एनएसजी ने ड्रोन चुनौतियों से निपटने के लिए खुद को अपग्रेड किया है।

जहां तक पारंपरिक खतरे की धारणा का सवाल है, गणपति ने कहा कि अगर सरकार समय की जरूरत के अनुसार तैनात करती है तो एनएसजी किसी भी आतंकवादी हमले के मामले में निपटने के लिए हमेशा तैयार है। अधिकारी ने कहा कि एनएसजी किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए देश के अंदर और बाहर दोनों जगह स्थितियों का लगातार मूल्यांकन करता है, लेकिन खतरा आतंकवाद को लेकर है और हमें आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए खुद को तैयार करना चाहिए।

अधिकारी ने कहा कि एनएसजी की प्रशिक्षण उसी के अनुसार जारी है और अंत में हमें किसी भी खतरे के लिए तैयार रहना चाहिए। उत्तराखंड कैडर के 1986 बैच के आइपीएस अधिकारी गणपति ने कहा कि किसी भी सुरक्षा बल की तैयारी आतंकियों से बेहतर होनी चाहिए। हमारा प्रशिक्षण उनसे बेहतर होना चाहिए। हमारा हथियार उनसे बेहतर होना चाहिए। यह हमारा प्रयास होगा ताकि हम उनसे आगे रह सकें।

यह पूछे जाने पर कि जम्मू-कश्मीर में लगभग दो वर्षों से तैनात होने के बावजूद किसी भी आपरेशन में एनएसजी का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया? गणपति ने कहा कि कोई भी तैनाती केवल सरकार के आदेश पर की जाती है। एनएसजी विशेष रूप से केवल अपहरण और बंधक बनाने जैसी विशेष परिस्थितियों में ही काम करता है। अभी तक ऐसी किसी घटना से संबंधित कोई मांग की स्थिति नहीं आई है। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी किसी घटना की स्थिति में एनएसजी को बुलाया जाएगा और हम अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे।


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