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वाट्सएप पर डाटा लीक मामले में विश्लेषकों व डीलरों पर छापे

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को 30 से ज्यादा बाजार विश्लेषकों और डीलरों के ठिकानों पर छापेमारी की।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 22 Dec 2017 10:06 PM (IST)Updated: Fri, 22 Dec 2017 10:06 PM (IST)
वाट्सएप पर डाटा लीक मामले में विश्लेषकों व डीलरों पर छापे
वाट्सएप पर डाटा लीक मामले में विश्लेषकों व डीलरों पर छापे

नई दिल्ली, प्रेट्र। वाट्सएप पर कंपनियों की संवेदनशील वित्तीय जानकारियां लीक होने की शिकायतों पर जांच को आगे बढ़ाते हुए बाजार नियामक सेबी ने छापेमारी की बड़ी कार्रवाई की है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को 30 से ज्यादा बाजार विश्लेषकों और डीलरों के ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान बड़े पैमाने पर दस्तावेज, मोबाइल व लैपटॉप भी जब्त किए गए। दुनिया में किसी भी बाजार नियामक की ओर से यह अपनी तरह की पहली कार्रवाई है।

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मामले से जुड़े सूत्र ने बताया कि सेबी ने बड़े शहरों में छापेमारी को अंजाम दिया। इस दौरान रजिस्टर, दस्तावेज, कंप्यूटर, मोबाइल फोन और लैपटॉप समेत संवेदनशील जानकारियों से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण सामान जब्त किए गए। सेबी के 70 अधिकारियों ने संबंधित राज्य पुलिस की मदद से यह कार्रवाई की।

कानूनी रूप से छापेमारी और जब्ती का अधिकारी मिलने के बाद से सेबी ने पहली बार ऐसा कदम उठाया है। दुनियाभर में किसी भी बाजार नियामक की ओर से भी यह इस तरह की पहली कार्रवाई है। अब तक वाट्सएप पर जानकारियां लीक होने के मामले में कहीं भी इस तरह की कार्रवाई नहीं की गई है। बाजार नियामकों के लिए ऐसी सूचनाएं रोकना असंभव होता है क्योंकि वाट्सएप मैसेज एनक्रिप्टेड यानी कोडिंग भाषा में होते हैं।

एक आइटी विशेषज्ञ का कहना है कि दस्तावेज और लैपटॉप आदि जब्त होना सेबी की बड़ी उपलब्धि है। हालांकि अब भी इस मामले में दोष साबित कर पाना नियामक के लिए चुनौती होगा क्योंकि वाट्सएप पर भेजे जाने वाले सभी मैसेज एनक्रिप्टेड हैं। इस बीच, संसद में सरकार ने भी यह जानकारी दी कि डाटा लीक मामले में बाजार नियामक जांच कर रहा है। 

क्या है मामला

पिछले दिनों तिमाही वित्तीय नतीजे आने से पहले ही कई कंपनियों की संवेदनशील जानकारियां वाट्सएप के विभिन्न ग्रुपों में लीक होने की बात सामने आई थी। लीक होने वाली जानकारियां ऐसी थीं, जिनके इस्तेमाल से शेयर बाजार में कंपनी के शेयर मूल्य पर असर डाला जा सकता था। सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने बताया था कि नियामक इस मामले की जांच कर रहा है। सेबी के इनसाइडर ट््रेडिंग नियमों के तहत कंपनियों की संवेदनशील जानकारियां औपचारिक रूप से घोषित होने से पहले सार्वजनिक करना और इनका किसी भी तरह का इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है।

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