दुनियाभर की छात्रवृत्ति योजनाएं अब एक प्लेटफार्म पर, एक साथ लॉग-इन कर सकेंगे 10 लाख यूजर
आइआइआइटीडीएम के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. मनीष कुमार बाजपेयी आइआइआइटीडीएम जमशेदपुर के डॉ. कौशलेंद्र कुमार सिंह और फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट जबलपुर की डॉ. रिचा दीक्षित शामिल रहीं। इस पर 24 लाख रुपये की लागत आई।
जबलपुर [पंकज तिवारी]। होनहार विद्यार्थियों की पढ़ाई की राह और आसान बनाने के लिए ऐसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर शोध हुआ है, जो देश ही नहीं, दुनियाभर की छात्रवृत्ति योजनाओं की जानकारी एक साथ देगा और उनके लिए पंजीयन भी एक ही प्लेटफार्म पर करवा सकेगा। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने इस काम का जिम्मा पं. द्वारिकाप्रसाद मिश्र भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अभिकल्पन एवं विनिर्माण संस्थान (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी, डिजाइन एंड मैन्युफेक्चरिंग- आइआइआइटीडीएम) जबलपुर को सौंपा था। इसके दो विशेषज्ञों ने एक अन्य विशेषज्ञ के सहयोग से काम पूरा कर लिया है। इन्होंने एक ऐसी वेबसाइट तैयार की है, जिस पर एक साथ 10 लाख यूजर लॉग-इन कर सकेंगे। वेबसाइट सितंबर 2021 से काम करने लगेगी।
सेंट्रलाइज्ड सिस्टम फॉर स्कॉलरशिप एंड फेलोशिप नाम के इस प्रोजेक्ट को आइआइआइटीडीएम के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग ने पूरा किया है। टीम में इसी विभाग के डॉ. मनीष कुमार बाजपेयी, आइआइआइटीडीएम जमशेदपुर के डॉ. कौशलेंद्र कुमार सिंह और फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट जबलपुर की डॉ. रिचा दीक्षित शामिल रहीं। इस पर 24 लाख रुपये की लागत आई। यह है योजना स्कूल से लेकर कॉलेज एवं अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में सैकड़ों प्रकार की छात्रवृत्तियां शासकीय और निजी स्तर पर दी जाती है। संस्थान, इंडस्ट्री भी अपने स्तर पर छात्रवृत्तियां देते हैं। ये छात्रवृत्तियां विद्यार्थियों, शोधार्थियों को राज्य, केंद्र एवं अन्य एजेंसी के माध्यम से दी जाती हैं।
भारत सरकार ने एक प्रोजेक्ट के तहत केंद्रीयकृत व्यवस्था बनाने का जिम्मा दिया था। इसमें सभी छात्रवृत्तियों की जानकारी एक ही प्लेटफार्म पर उपलब्ध होंगी। संबंधित एप्लीकेशन और वेबसाइट के माध्यम से विद्यार्थी सभी छात्रवृत्ति से जुड़ी जानकारी हासिल कर सकते हैं। ऐसे करेगा काम ये सिस्टम आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़ा होगा जो स्वयं ही अपग्रेड करता रहेगा। यह विश्व में कहीं से भी जारी की गई भारतीय मूल के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी छात्रवृत्ति योजना के बारे में भी जानकारी संकलित कर प्रस्तुत करेगा। इसमें पुरानी योजना स्वत: ही हट भी जाएगी।
जबलपुर आइआइआइटीडीएम के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉ. मनीष कुमार बाजपेयी ने कहा, 'आमतौर पर भारी भरकम प्रोग्राम वाली वेबसाइट अधिकाधिक लोगों के एक साथ सर्च या लॉग-इन करने पर हैंग होने लगती है। इस वेबसाइट पर दस लाख यूजर एक साथ विजिट कर सकेंगे। खास बात यह भी होगी कि पुरानी योजनाएं स्वत: हटती जाएंगी और नई जानकारियां उपलब्ध हो जाएंगी।'