Chhattisgarh: विद्वानों को भाया किसान की बेटी का कार्बन डाईआक्साइड से ईधन बनाने का सुझाव
आबोहवा में प्रदूषण का कारण बनती कार्बन डाईआक्साइड गैस से ईधन बनाने का छत्तीसगढ़ की बेटी का सुझाव विद्वानों को भा गया है। जशपुर की रहने वाली प्रियंका तिर्की कक्षा 12वीं की छात्रा हैं। प्रियंका का चयन इनोवेशन अवार्ड-2020 के लिए किया गया है।
संदीप तिवारी, रायपुर। आबोहवा में प्रदूषण का कारण बनती कार्बन डाईआक्साइड गैस से ईधन बनाने का छत्तीसगढ़ की बेटी का सुझाव विद्वानों को भा गया है। जशपुर की रहने वाली प्रियंका तिर्की कक्षा 12वीं की छात्रा हैं। उन्होंने एक ऐसी मशीन की परिकल्पना की है, जो कि कार्बन डाईआक्साइड को फ्यूल सेल जैसी बैटरियों की ऊर्जा के रूप में बदल सकती है यानी ईधन में परिवर्तित कर सकती है। इस आइडिया के लिए प्रियंका का चयन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम माइंड चिल्ड्रन क्रिएटिविटी एंड इनोवेशन अवार्ड-2020 के लिए किया गया है।
स्कूली छात्रा प्रियंका ने ऐसी मशीन का सुझाव दिया जो कार्बन डाईआक्साइड को ईधन में बदल सकती है
प्रियंका बिलासपुर के होलीक्रास स्कूल में पढ़ रही हैं। प्रियंका ने एक ऐसी मशीन का सुझाव दिया, जिसके जरिए डीजल और पेट्रोल को बचाया जा सकता है। मशीन ईधन के विकल्प के रूप में वायुमंडलीय से कार्बन डाईआक्साइड का उपयोग करे। प्रियंका कहती हैं कि इस मशीन में पंखे लगे रहेंगे, जो वातावरण से वायु को खींचेंगे और कार्बन डाईआक्साइड को छानकर अलग कर देंगे। और इसका इस्तेमाल ईधन के रूप में किया जाए। इससे पर्यावरण भी साफ-सुथरा हो जाएगा।
विशेषज्ञों ने कहा- यह तकनीक अभी प्रायोगिक स्तर पर है
हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि यह तकनीक अभी भी प्रायोगिक स्तर पर है। प्रियंका के शिक्षक नरेश कुमार वर्मन ने बताया कि देश भर के छात्रों ने डा. एपीजे अब्दुल कलाम माइंड चिल्ड्रन क्रिएटिविटी एंड इनोवेशन अवार्ड- 2020 के अंतर्गत सुझाव दिए थे।
15 के सुझाव हुए चयनित
मिसाइलमैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की याद में हनी बी नेटवर्क, सृष्टि और ज्ञान संस्थान ने देश भर के स्कूली बच्चों से नवाचारी सुझाव मांगे थे। इसके तहत देश भर के कक्षा नौवीं से 12वीं कक्षा तक के 9000 से अधिक छात्रों ने नवोन्मेष के सुझाव दिए थे। उनमें से 15 को राष्ट्रीय स्तर पर चयनित किया गया है, ताकि शोध कार्य को आगे बढ़ाया जा सके। इसमें नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन, आइआइटी दिल्ली, सीएसआइआर, आइआइएम आदि के विद्वानों की कमेटी ने नवोन्मेष के सुझावों के आधार पर विजेताओं का चयन किया है।
कुछ राज्यों के बच्चों के प्रमुख सुझाव
दिगंतिका बोस, पूर्बा बर्धमान - मास्क के निरंतर उपयोग के कारण कान के दबाव में कमी जूली अभिजीत केसकर महाराष्ट्र आर्चिड स्कूल से - पार्किंसंस रोग से प्रभावित रोगी की कंपकंपी को मापने के लिए उपकरण। सेजुती सरकार पश्चिम बंगाल के जवाहर नवोदय विद्यालय से - आर्गेनिक वाटर प्यूरीफायर बैग। श्रेयस गेदम, मुंबई, महाराष्ट से - साइकिल चलित कम लागत वाली छिड़काव मशीन सौरव, हरियाणा से- स्कूल मैट बिछाने और लपेटने के लिए उपकरण पार्थवी मुकुंद, हरियाणा से - विद्युत फि¨टग के लिए घर में ताजी हवा की आपूर्ति एक्सपर्ट व्यू प्रियंका तिर्की का सुझाव बेहतर है। हालांकि कार्बन डाईआक्साइड से ईधन बनाने पर बहुत सारे प्रयोग चल रहे हैं, लेकिन अभी सफलता नहीं मिल पाई है- प्रो. शम्स परवेज, रसायनशास्त्री, पं. रविशंकर शुक्ल विवि, रायपुर।