एमपी में नमामि देवी नर्मदे योजना: जबलपुर में पौधों की खरीद में घोटाला, पौधारोपण सवालों के घेरे में
योजना के लिए राज्य शासन ने करीब 550 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया था। इसमें 42 करोड़ रुपये से पौधों की खरीदी की गई थी।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश में नमामि देवी नर्मदे योजना के तहत जबलपुर में पौधों की खरीद में घोटाला साबित होने के बाद नर्मदा नदी किनारे हुए पौधारोपण सवालों के घेरे में आ गए हैं। योजना के लिए राज्य शासन ने करीब 550 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया था। इसमें 42 करोड़ रुपये से पौधों की खरीदी की गई थी। इन पौधों से करीब आठ हजार हेक्टेयर में पौधारोपण होना बताया गया है। गड़बड़ी की पुष्टि होने से इस क्षेत्र में पौधारोपण संदेह के दायरे में है।
फर्जीवाड़ा के चलते ऑनलाइन खरीदी प्रक्रिया को ऑफलाइन किया गया
जबलपुर संभाग के संयुक्त संचालक, उद्यान मनोज मेश्राम द्वारा की गई जांच में यह भी पता चला है कि फर्जीवाड़ा करने के मकसद से ऑनलाइन खरीदी प्रक्रिया को ऑफलाइन किया गया। योजना का प्रभारी संचालनालय में पदस्थ उप संचालक राजेंद्र कुमार राजौरिया को बनाया गया था। उन्हीं के हस्ताक्षर से पूरी प्रक्रिया की गई। मामला सामने आने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता भुवनेश्वर मिश्रा ने शुक्रवार को पूरे घोटाले की शिकायत राजधानी में आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) को कर दी है।
ऑनलाइन प्रक्रिया का नहीं हुआ पालन:
योजना के जो नियम बने थे, उसके तहत सबसे पहले पौधारोपण करने के इच्छुक किसानों को अपना ऑनलाइन पंजीयन कराना था। ऑनलाइन पंजीयन तभी होता जब किसानों के मोबाइल पर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आता। ऐसे में वास्तविक किसान ही पंजीयन करा सकते थे। इसी तरह पौधा खरीदी के लिए टेंडर भी ऑनलाइन किए जाने थे। खेत में पौधे लगाने के बाद किसानों को उन पौधों के साथ खड़ा करके फोटो लिए जाने थे। इसके बाद ग्रामीण उद्यान अधिकारी भौतिक सत्यापन कर इसकी रिपोर्ट जिला मुख्यालय भेजता तब जाकर पूरा भुगतान होता, लेकिन यह पूरी प्रक्रिया अपनाई ही नहीं गई। यदि नियमानुसार प्रक्रिया अपनाई जाती तो घोटाले की संभावना नहीं रहती। सारी प्रक्रिया ऑफलाइन की गई।
योजना का उद्देश्य: नर्मदा नदी के दोनों किनारों पर एक किमी के दायरे में पौधारोपण
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने पिछले कार्यकाल में वर्ष 2016 में नमामि देवी नर्मदे योजना की शुरुआत की थी। योजना का उद्देश्य प्रदेश में नर्मदा नदी के दोनों किनारों पर एक किमी के दायरे में पौधारोपण करना था। मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि प्रदेश में एक साथ साढ़े सात करोड़ पौधे रोपकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया जाएगा।
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी
सामाजिक वानिकी विभाग के तत्कालीन अधिकारियों ने इसमें भी घोटाला कर दिया। सामाजिक वानिकी विभाग के संचालक पुष्कर सिंह कहते हैं कि जांच रिपोर्ट का परीक्षण करवाना शुरू कर दिया है। एक सप्ताह के भीतर परीक्षण कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।