सुप्रीम कोर्ट का समलैंगिता पर दिया फैसला समाज में लाएगा समानता
शीर्ष कोर्ट ने पिछले सप्ताह दिए अपने ऐतिहासिक फैसले में धारा-377 को रद करते हुए इसे संविधान में दिए समानता के अधिकार का उल्लंघन बताया था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। समलैंगिकता पर आए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से न केवल बहुलतावादी समाज की स्थापना में मदद मिलेगी, बल्कि समाज में समानता स्थापित होगी। यह बात वरिष्ठ वकील आनंद ग्रोवर ने शुक्रवार को कही। बता दें कि शीर्ष कोर्ट ने पिछले सप्ताह दिए अपने ऐतिहासिक फैसले में धारा-377 को रद करते हुए इसे संविधान में दिए समानता के अधिकार का उल्लंघन बताया था।
ग्रोवर ने कहा कि वर्ष 2013 में धारा-377 को अपराध घोषित करने के बाद कई लोगों ने अपने अधिकारों के लिए लड़ना छोड़ दिया था। हालांकि शीर्ष कोर्ट के हालिया फैसले ने ऐसे लोगों को राहत प्रदान की है। यह निर्णय समाज में समानता लाने में मददगार साबित होगा।
वहीं समलैंगिक अधिकारों के लिए लड़ने वाले एक कार्यकर्ता नूर इनायत ने बताया कि फैसला उनके लिए राहत भरा है। कम से कम मैं अब किसी भी प्रकार से अपराधी नहीं माना जाऊंगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 के फैसले ने समलैंगिक सेक्स को मुख्यधारा में लाने की बहस शुरू की। समाज के प्रत्येक तबके से लोगों ने इसको समर्थन दिया।