तीन तलाक के बाद SC में पहुंचा बहुविवाह अौर हलाला का मामला, कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब
बहुविवाह और निकाह हलाला को असंवैधानिक करार दिए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज नोटिस जारी कर जवाब देने का आदेश दिया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। मुस्लिमों में प्रचलित बहुविवाह और निकाह हलाला को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर केन्द्र सरकार व अन्य पक्षों जवाब मांगा है। साथ ही तीन जजों की पीठ ने मामले मे नोटिस जारी करते हुए मामला संविधान पीठ को भेज दिया है। सुप्रीम कोर्ट एक बार में तीन तलाक को पहले ही अवैध घोषित कर रद कर चुका है।
इसके बाद सरकार ने इस पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए तीन तलाक पर कानून लाने की तैयारी करने को कहा है। इस संबंध मे बिल फिलहाल संसद मे लंबित है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट मे चार याचिकाएं है जिनमें मुसलमानों मे प्रचलित बहुविवाह और निकाह हलाला को रद करने की मांग की गई है।
‘निकाह हलाला’ का मतलब
जिस व्यक्ति ने तलाक दिया है उसी से दोबारा शादी करने के लिए महिला को पहले किसी अन्य व्यक्ति से शादी करनी होती है और तलाक लेना होता है। उसके बाद ही दोबारा पूर्व पति से शादी हो सकती है। इस प्रक्रिया को निकाह हलाला कहते हैं। वहीं बहुविवाह एक ही समय में एक से अधिक पत्नी रखने की प्रथा है। इसे कोर्ट मे चुनौती दी गई है।
असंवैधानिक करार दिया जाए ‘निकाह हलाला’
इससे पहले भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय और तीन तलाक केस में याचिकाकर्ता सायरा बानो ने 5 मार्च को एक जनहित याचिका दायर की थी जिसमें बहुविवाह और हलाला को असंवैधानिक करार देने की मांग की थी। इसके अलावा, जनहित याचिका में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 375 के तहत 'निकाह हलाला' को बलात्कार, और बहुविवाह को आईपीसी की धारा 494 और 498 के तहत अपराध घोषित कर असंवैधानिक करार दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने नफीसा खान द्वारा बहुविवाह और निकाह हलाला को असंवैधानिक करार दिए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की मांग को स्वीकार कर लिया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। दिल्ली की रहने वाली नफीसा खान द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) के अधिनियम 1937 की धारा 2 को संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21 और 25 का उल्लंघन करने वाला घोषित करते हुए असंवैधानिक करार दिया जाए।