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परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई से SC का इनकार, आरोपों को माना गंभीर; पहले हाईकोर्ट जाने की दी सलाह

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने पहले हाईकोर्ट में याचिका दायर करने के लिए कहा है। सिंह ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर निष्पक्ष और न्यायसंगत सीबीआइ जांच की मांग की थी।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 24 Mar 2021 07:18 AM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 12:17 PM (IST)
परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई से SC का इनकार, आरोपों को माना गंभीर; पहले हाईकोर्ट जाने की दी सलाह
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करने से इनकार कर दिया है।

नई दिल्ली, एजेंसी। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के कथित भ्रष्ट आचरण के खिलाफ सीबीआइ जांच की मांग करने वाली मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर सिंह को पहले हाईकोर्ट जाने की सलाह दी है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अनिल देशमुख पर लगे आरोपों को गंभीर माना है। सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है और कहा है कि वो बॉम्बे हाईकोर्ट जाएंगे।

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सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर द्वारा लगाए गए आरोप बहुत गंभीर हैं। कोर्ट ने परमबीर सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी से पूछा कि वह सीबीआई जांच की मांग के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में क्यों नहीं गए। इसके साथ ही कोर्ट ने परमबीर सिंह से पूछा कि उन्होंने अपनी याचिका में महाराष्ट्र के गृह मंत्री को पक्षकार क्यों नहीं बनाया।

1988 बैच के आइपीएस अधिकारी परमबीर सिंह ने मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से अपने तबादले को भी मनमाना और गैरकानूनी बताते हुए रद करने की मांग की है। अंतरिम राहत के तौर पर उन्होंने अपने स्थानांतरण आदेश पर रोक लगाने और राज्य सरकार, केंद्र सरकार व सीबीआइ से देशमुख के आवास से सीसीटीवी फुटेज अपने कब्जे में लेने की मांग भी की है। परमबीर सिंह ने कहा था कि उनके पास सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने सीबीआइ से राज्य में अपराध की जांच की सहमति वापस ले ली है। इसलिए जब तक सुप्रीम कोर्ट आदेश नहीं देगा तब तक देशमुख के खिलाफ निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच संभव नहीं है।

परमबीर सिंह का आरोप

परमबीर ने अपनी याचिका में कहा कि देशमुख ने गत फरवरी में पुलिस अधिकारियों के साथ अपने घर पर मीटिंग की जिसमें क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट के सचिन वाझे और मुंबई की सोशल सर्विस ब्रांच के एसीपी संजय पाटिल भी शामिल थे। वरिष्ठों की अनदेखी कर इस बैठक में इन पुलिस कर्मियों को आदेश दिया गया कि वे मुंबई के विभिन्न प्रतिष्ठानों से 100 करोड़ रुपये प्रतिमाह की उगाही करें। सिंह ने आरोप लगाया है कि देशमुख विभिन्न मामलों की जांच मे दखल देते थे। पुलिस अधिकारियों को अपने मनमुताबिक जांच करने का निर्देश देते थे। देशमुख की गतिविधियां पद के दुरुपयोग वाली हैं। लोकतंत्र में इसे सही नहीं ठहराया जा सकता।


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