बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट: भूमि अधिग्रहण पर किसानों में रोष, पहुंचे सुप्रीम कोर्ट; 20 मार्च को सुनवाई
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए ली गई जमीन पर किसानों ने आपत्ति जताई और सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। इनकी याचिकाओं पर 20 मार्च को सुनवाई की जाएगी।
नई दिल्ली, एएनआइ। मुंबई-अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन (Bullet Train Project) परियोजना के लिए किए गए भूमि अधिग्रहण को किसानों ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी है। 192 गांवों के लगभग 5000 किसानों ने अपनी याचिका में दावा किया है कि उन्हें मुआवजे के साथ वैकल्पिक जमीन भी मुहैया कराई जाए। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए गुजरात सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई के लिए 20 मार्च की तारीख को निश्चित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि किसानों ने इस परियोजना के लिए की जाने वाली भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) की प्रक्रिया को रोकने के लिए निर्देश देने की भी मांग की है। भारत में जापान की सिंकनसेन ई 5 सीरीज की बुलेट ट्रेन चलाने के लिए लाई गई परियोजना के तहत किसानों की जमीन ली गई है। देश की पहली बुलेट ट्रेन मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलाई जाएगी।
किसानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई के बाद केंद्र सरकार, गुजरात सरकार व भारतीय रेलवे को नोटिस जारी हुआ है। बता दें कि इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर 192 गांवों के लगभग 5000 किसानों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज कराई है। इन्होंने अपनी याचिका में जमीन के मुआवजे व इसके एवज में अलग से जमीन की भी मांग की है।
जापान रेलवे कंपनी के अंतर्गत आने वाली सिंकनसेन ई 5 सीरीज बुलेट ट्रेन ईस्ट अब भारत में आ रही है। इसकी स्पीड 320 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी। यह मुंबई और अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर की दूरी को 2 घंटे में तय करेगी। दोनों शहरों के बीच तय किए गए फासले में कुल 12 रेलवे स्टेशन शामिल होंगे जिनमें से चार स्टेशनों पर ट्रेन का पड़ाव होगा। लेकिन यदि रास्ते में पड़ने वाले सभी 12 स्टेशनों पर ट्रेन को रोका जाता है तब यह सफर 2 घंटे 58 मिनट में पूरा होगा।
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