Move to Jagran APP

निजी मेडिकल कॉलेजों में जारी रहेगा एससी/एसटी आरक्षण, MCI झुकी

स्वास्थ्य मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार सोमवार को ही एमसीआइ की तरफ से इसके तैयार होने के संकेत दिया गया।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 04 Apr 2018 09:04 PM (IST)Updated: Thu, 05 Apr 2018 07:17 AM (IST)
निजी मेडिकल कॉलेजों में जारी रहेगा एससी/एसटी आरक्षण, MCI झुकी
निजी मेडिकल कॉलेजों में जारी रहेगा एससी/एसटी आरक्षण, MCI झुकी

नीलू रंजन, नई दिल्ली। निजी मेडिकल कालेजों के पीजी में एससी/एसटी के छात्रों को आरक्षण का लाभ मिलता रहेगा। एमसीआइ निजी मेडिकल कालेजों में राज्य कोटे को खत्म करने की अपनी जिद से पीछे हट गया है। राज्य सरकारें इस कोटे में एससी/एसटी को आरक्षण का लाभ देती हैं। दैनिक जागरण में खबर छपने के एक सप्ताह के भीतर ही एमसीआइ ने मेडिकल पीजी में एडमिशन में दूसरे कई सुधारों को भी हरी झंडी दे ही है।

loksabha election banner

गौरतलब है कि दैनिक जागरण ने पिछले सप्ताह बुधवार को विस्तार के खबर दी थी कि किस तरह एमसीआइ निजी कालेजों के राज्य कोटे में एससी/एसटी को मिलने वाले आरक्षण को खत्म करने पर अड़ा हुआ है। एक हफ्ते के भीतर एमसीआइ ने अपनी जिद छोड़ दी और राज्य कोटे के बनाए रखने के बावजूद एमडी में नामांकन के सुधारों को हरी झंडी देने के लिए तैयार हो गया।

स्वास्थ्य मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार सोमवार को ही एमसीआइ की तरफ से इसके तैयार होने के संकेत दिया गया। मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से संशोधन को अधिसूचित करने के प्रारूप को एमसीआइ को भेज दिया। जिसे एमसीआइ ने स्वीकार भी कर लिया। माना जा रहा है कि नए संशोधन की अधिसूचना गुरूवार को गजट में प्रकाशित भी हो जाएगी।

नए संशोधनों के बाद देश में मेडिकल पीजी के सीटों के बढ़ने का रास्ता साफ हो गया। इसके तहत अब निजी कालेजों के एक प्रोफेसर पर तीन छात्रों और असिस्टेंट प्रोफेसर पर दो छात्रों का एमडी में नामांकन हो सकेगा, जबकि अभी तक प्रोफेसर पर दो और असिस्टेंट प्रोफेसर पर एक एमडी छात्र का नामांकन होता था। इसके साथ ही सभी एमबीबीएस का कोर्स शुरू होने के तीन साल के भीतर सभी मेडिकल कालेजों के लिए एमडी की पढ़ाई शुरू करना अनिवार्य कर दिया है। अभी तक बड़ी संख्या में ऐसे मेडिकल कालेज हैं, जहां सिर्फ एमबीबीएस की पढ़ाई होती है। इसके अलावा अभी तक दुर्गम और दुरस्त क्षेत्रों में प्रैक्टिस करने वाले एमबीबीएस के डाक्टरों को एमडी के नामांकन में मिलने वाली वरियता में ग्रामीण क्षेत्र को भी शामिल कर दिया गया है।

नए संशोधनों के बाद कौंसलिंग के बाद सीट छोड़ने वाले छात्रों के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रावधान किया गया है। इसके तहत दूसरी कौंसलिंग के बाद नामांकन नहीं लेने वाले छात्रों की जमा सिक्यूरिटी जब्त हो जाएगी। इसके साथ ही मॉप-अप राउंड में भाग लेने के बाद छात्र आगे किसी कौंसलिंग में भाग नहीं ले सकेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी तक छात्र कई राज्यों में अपनी सीटें सुरक्षित कर लेते थे और बाद एडमिशन किसी एक राज्य में लेते थे। इससे एमडी की कई सीटें खाली रह जाती थी। उन्होंने कहा कि नए प्रावधानों के बाद एक भी एमडी की सीट खाली नहीं रहेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.