SC का छत्तीसगढ़ के भाजपा MLA की हत्या की एनआइए जांच पर रोक से इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जारी रहेगी एनआइए की जांच -राज्य सरकार ने एजेंसी की जांच पर जताई थी आपत्ति।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के भाजपा विधायक की हत्या के मामले में शुरू की गई एनआइए जांच पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। दंतेवाड़ा से भाजपा विधायक भीमा मांडवी और चार सुरक्षाकर्मियों की गत वर्ष नक्सलियों ने हत्या कर दी थी।हालांकि, शीर्ष अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की कार्रवाई छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से उसके समक्ष दाखिल याचिका के नतीजे के दायरे में आएगी।
छत्तीसगढ़ सरकार ने एनआइए की कार्रवाई को असंवैधानिक और मनमाना घोषित करने की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि यह राज्य की संप्रभुता को प्रभावित करता है। राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के पिछले साल के आदेश को चुनौती दी है। इसमें कोर्ट ने मांडवी और चार सुरक्षाकर्मियों की हत्या की जांच एनआइए को सौंपने संबंधी पूर्व के एक आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की अपील खारिज कर दी थी।
इससे पहले राज्य सरकार ने हत्याकांड की जांच एनआइए को सौंपने के निर्देश से संबंधी केंद्र की 16 मई 2019 की अधिसूचना को चुनौती दी थी।जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा, 'बेशक यह अधिसूचित अपराधों में है और 16 मई 2019 की अधिसूचना के अनुरूप एनआइए इसकी जांच कर सकती है।' पीठ ने कहा, 'हम राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा शुरू की गई जांच में बाधा नहीं डालना चाहते। अब जांच आगे बढ़ गई होगी।
एनआइए की कार्रवाई याचिकाकर्ता के मूल वाद के नतीजे के दायरे में आएगी।'केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगापोल ने कहा कि हत्याकांड की जांच एनआइए पहले ही शुरू कर चुकी है, क्योंकि यह अधिसूचित अपराधों में शामिल है। राज्य सरकार के वकील समीर सोढ़ी ने कहा कि केंद्र ने हत्याकांड में राज्य पुलिस द्वारा 10 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज किए जाने के 36 दिन बाद 16 मई 2019 को एनआइए जांच की अधिसूचना जारी की थी। तबतक राज्य पुलिस की जांच आगे बढ़ चुकी थी।