Move to Jagran APP

SC/ST एक्ट में नहीं मिलेगी अग्रिम जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने संशोधन पर रोक से किया इनकार

SC/ST amendments Act बता दें कि केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में 20 मार्च 2018 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 24 Jan 2019 03:08 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jan 2019 03:08 PM (IST)
SC/ST एक्ट में नहीं मिलेगी अग्रिम जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने संशोधन पर रोक से किया इनकार
SC/ST एक्ट में नहीं मिलेगी अग्रिम जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने संशोधन पर रोक से किया इनकार

नई दिल्ली(प्रेट्र)। सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी (SC/ST) के संसोधित कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में रोक नहीं लगाई जा सकती। बता दें कि केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में 20 मार्च 2018 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है।

loksabha election banner

वहीं याचिकाकर्ता ने कहा कि इस कानून पर अंतरिम रोक लगाई जानी चाहिए। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि पहले का फैसला जस्टिस आदर्श गोयल और जस्टिस यू ललित ने दिया था। अब जस्टिस गोयल के रिटायर होने के बाद जस्टिस ललित को पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करनी है। इसके लिए मुख्य न्यायाधीश को पीठ का गठन करना है।लिहाजा इस मामले को मुख्य न्यायाधीश के पास भेजा जाना है।

सुनवाई के दौरान जस्टिस ए के सीकरी की पीठ ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश यह तय करेंगे कि इन जनहित याचिकाओं को पुनर्विचार याचिका के साथ सुना जाए या इसकी सुनवाई अलग से हो।

बता दें कि इस संसोधन कानून को लेकर दोबारा सुनवाई के लिए वकील पृथ्वीराज चौहान और प्रिया शर्मा ने याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट ने इन दायर याचिकाओं पर पहले ही केंद्र सरकार से जवाब मांग चुका है।ध्यान हो कि SC/ST संशोधन के माध्यम से जोड़े गए नए कानून 2018 में नए प्रावधान 18 A के लागू होने से फिर दलितों को सताने के मामले में तत्काल गिरफ्तारी होगी और अग्रिम जमानत भी नहीं मिल पाएगी। याचिका में नए कानून को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है।

संसद में विधेयक लाकर पलटा गया था SC का फैसला
बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने एक फैसले के जरिये एससी-एसटी अधिनियम के तहत मामले में स्वत: गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। न्यायालय के इस फैसले को समाज के एक हिस्से ने कानून के प्रावधानों को हल्का किये जाने के तौर पर देखा। इसको लेकर एससी-एसटी समुदाय ने भारत बंद का आह्वान किया था, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा की घटनाएं देखने को मिली थीं। सरकार ने समुदाय की चिंताओं का निराकरण करने के लिये संसद के मॉनसून सत्र में एससी-एसटी कानून में संशोधन के लिये एक विधेयक को पारित कराकर न्यायालय के फैसले को पलट दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.