SC ने ठुकराई गरीब सवर्णों की याचिका, उम्र सीमा में मांगी थी छूट
सरकारी नौकरियों के लिए निर्धारित की गई उम्र सीमा में छूट को लेकर गरीब सवर्णों की याचिका को आज कोर्ट ने ठुकरा दिया।
नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने सोमवार को आर्थिक तौर पर पिछड़े वर्ग (EWS) से आने वाले अगड़ी जातियों की याचिका को ठुकरा दिया। इस याचिका में सरकारी नौकरियों के लिए निर्धारित की गई उम्र सीमा में छूट मांगी गई थी।
तीन सदस्यीय जज की बेंच ने सुनाया फैसला
जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता में तीन सदस्यों वाली जज की बेंच ने यह फैसला सुनाया कि वे इस याचिका की सुनवाई नहीं कर सकते हैं। के के रमेश द्वारा दर्ज की गई याचिका की सुनवाई के दौरान बेंच ने फैसला सुनाया कि सर्विस मामले में याचिका का कोई सवाल नहीं था।
गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण की शर्तें
बता दें कि गरीब सवर्णों के लिए इस साल की शुरुआत में कैबिनेट की ओर से फैसला लिया गया था कि सामान्य वर्ग के उन लोगों को भी आरक्षण की सुविधा मिले जिनकी वार्षिक आय 8लाख से कम है और जमीन 5 एकड़ से कम है। हालांकि पीवी नरसिम्हा राव के शासन काल के दौरान भी ये मामला उठाया था लेकिन कोर्ट की ओर से इसे खारिज कर दिया गया था।
ये जातियां हैं शामिल
एक फरवरी से गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण की सुविधा लागू कर दी गई। लेकिन इसके लिए का मानदंड तय किया गया। इसके अनुसार, जमीन और आय की सीमा निर्धारित की गई। साथ ही इसका लाभ लेने वाली सवर्ण जातियों में ब्राह्मण, राजपूत (ठाकुर), जाट, मराठा, भूमिहार, कई व्यापारिक जातियों, कापू और कम्मा सहित कई अन्य अगड़ी जातियों को शामिल किया गया। साथ ही इसमें गरीब इसाइयों और मुस्लिमों को भी रखा गया । इस सुविधा का लाभ लेने वालों के पास नगर निकाय क्षेत्र में 1000 वर्ग फुट या इससे ज्यादा क्षेत्रफल का फ्लैट नहीं होना चाहिए।
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