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चुनाव के दौरान फ्रीबीज यानि 'मुफ्त गिफ्ट' वितरण को SC ने माना 'गंभीर मुद्दा', अगली सुनवाई 17 अगस्त को

आम आदमी पार्टी (AAP) ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कल्याणकारी योजनाओं और मुफ्त में वितरित किए गए उपहारों के बीच अंतर है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अर्थव्यवस्था में धन की कमी हो रही है लोगों के वेलफेयर को संतुलित बनाना होगा। अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 11 Aug 2022 01:04 PM (IST)Updated: Thu, 11 Aug 2022 01:04 PM (IST)
चुनाव के दौरान फ्रीबीज यानि 'मुफ्त गिफ्ट' वितरण  को SC ने माना 'गंभीर मुद्दा', अगली सुनवाई 17 अगस्त को
चुनाव के दौरान फ्रीबीज यानि 'मुफ्त गिफ्ट' वितरण को SC ने माना 'गंभीर'

 नई दिल्ली, एजेंसी। चुनाव का मौसम आते ही अधिकतर राजनीतिक दलों की ओर से अभियान के दौरान मुफ्त गिफ्ट वितरण की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इस मामले को  सुप्रीम कोर्ट (SC) ने गुरुवार को गंभीर बताया। कोर्ट ने चुनावों में राजनीतिक दलों की ओर से किए जाने वाले वादे और  मुफ्त में उपहार बांटने के मामले पर चिंता जताई और इसे गंभीर मामला करार दिया। कोर्ट ने कहा कि यह धन इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किया जाना चाहिए। आम आदमी पार्टी (AAP) ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कल्याणकारी योजनाओं और मुफ्त में वितरित किए गए उपहारों के बीच अंतर है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अर्थव्यवस्था में धन की कमी हो रही है लोगों के वेलफेयर को संतुलित बनाना होगा। अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी।

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केंद्र सरकार ने एक कमेटी गठित करने का दिया है सुझाव

जन कल्याणकारी योजनाएं और 'मुफ्त में गिफ्ट वितरण' के बीच फर्क को लेकर केंद्र सरकार ने एक कमेटी के गठन का सुझाव दिया। आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अहम टिप्पणी की और कहा कि करदाताओं के पैसे को खर्च करने से पहले गहन विचार किया जाना चाहिए। सीनियर एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय की अर्जी का विरोध करते हुए AAP की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं को मुफ्तखोरी का नाम दिया जा रहा है।

चीजें बांटने की बजाय अच्छे स्कूल और अच्छे अस्पताल का कराएं निर्माण

उपाध्याय ने कहा कि अच्छा स्कूल, अच्छा अस्पताल, सड़कें बनवाने में कोई हर्ज नहीं है लेकिन आप हर एक व्यक्ति को मुफ्त मोबाइल, लैपटाप या अन्य चीजें  बांटने की घोषणा नहीं कर सकते। इस पर रोक लगनी चाहिए। उपाध्याय ने पूछा, 'आप सरकार दिल्ली में अच्छे स्कूल और अस्पताल बनवाने का दावा करती है लेकिन उसे बताना चाहिए कि उसके कितने विधायकों के बच्चे इन सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं और कितनों का इलाज सरकारी अस्पतालों में होता है।'


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