Move to Jagran APP

Migrant Worker: महाराष्ट्र सरकार बताए कहां मिल रहा प्रवासियों को खाना- सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के सामने आई परेशानी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई् की गई।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 12:37 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 12:58 PM (IST)
Migrant Worker: महाराष्ट्र सरकार बताए कहां मिल रहा प्रवासियों को खाना- सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
Migrant Worker: महाराष्ट्र सरकार बताए कहां मिल रहा प्रवासियों को खाना- सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

 नई दिल्ली,जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुरुवार को प्रवासी मजदूरों के मामले पर सुनवाई की गई। प्रवासी मजदूरों का मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के हलफनामे पर सवाल उठाया है। कोर्ट ने आज कहा, 'समस्या का पता लगाने की जिम्मेदारी सरकार की है। इसलिए सरकार पता लगाए कि समस्या है कहां और फिर इसे दूर करे।' कोर्ट ने राज्य से बेहतर हलफनामा दाखिल करने को कहा है। मामले में अगले हफ्ते शुक्रवार को फिर से सुनवाई की जाएगी।

loksabha election banner

कोर्ट का सवाल- किस प्रवासी समूह को मिल रहा खाना

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार को जिम्मेवारी सौंपते हुए कहा कि राज्य सरकार इस बात का पता करे कि प्रवासियों को किन मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है साथ ही यह भी इन मुश्किलों का समाधान भी खोजे। जस्टिस अशोक भूषण, संजय किशन कॉल और एम आर शाह की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि किस प्रवासी समूह को खाना मिल रहा है यह पता महाराष्ट्र सरकार लगाए। बेंच ने कहा, 'आपका हलफनामा कहता है कि सभी प्रवासियों को खाना मिल रहा है लेकिन हमें लगता है  कि हकीकत कुछ और है।' जस्टिस शाह ने महाराष्ट्र सरकार के वकील से इस संबंध में हलफनामा दर्ज कराने को कहा। 

अब वापसी की चाहत नहीं: सॉलिसीटर जनरल

महाराष्ट्र सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने बेंच के समक्ष कहा कि प्रवासी मजदूर अब  उन शहरों में वापसी चाहते हैं जहां उनका रोजगार है। उन्होंने कहा,'महाराष्ट्र के प्रवासी जो पहले यहां से जाना चाहते थे अब यहीं रुकने के मूड में है क्योंकि राज्य ने आर्थिक गतिविधियों  को शुरू कर दिया है। 1 मई से करीब 3 लाख 50 हजार वर्कर वापस काम पर आ गए हैं। ' कोर्ट ने राष्ट्रीय कोविड प्लान के लिए जनहित याचिका की मांग वाली केंद्र की याचिका के मामले को देखा।  

जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों की परेशानियों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए उन्हें घर भेजने का आदेश दिया था। शुक्रवार को अदालत ने कहा कि नौ जून का उसका आदेश बहुत स्पष्ट था और केंद्र और राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करें कि मजदूर 15 दिन के भीतर अपने गांव पहुंच जाएं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.