एनजीओ के मुद्दे पर अलग से कानून बनाने को लेकर केंद्र चार हफ्तों में देगा जवाब
सर्वोच्च न्यायालय में केंद्र सरकार एनजीओ के मुद्दे पर अलग से कानून बनाने को लेकर 4 हफ्ते में जवाब देगा।
नई दिल्ली (जेएनएन)। सुप्रीम कोर्ट में आज एनजीओ और उसकी देखरेख के मुद्दे पर सुनवाई हुयी, जहां केंद्र सरकार की ओर कहा गया कि वो चार हफ्तों में जानकारी देगा कि क्या एनजीओ और उसकी फंड के प्रबंधन को लेकर अलग से कोई कानून बनाए जाने की जरुरत है या नहीं।
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूर्ण से कहा कि लोगों को भटकाने वाले एनजीओ के खिलाफ सरकार सिविल और क्रिमिनल केस तहत एक्शन लेने की पहल कर रही है। मामले में कोर्ट ने कहा कि उचित यह होगा सरकार निश्चित करे कि इस मुद्दे पर कानून बनाया जाना है या नहीं।
कोर्ट के मुताबिक इस तरह के मुद्दे पर कानून बनाया जाना चाहिए या नहीं इसे लेकर सरकार को कोर्ट की ओर से दिशा-निर्देश देना ठीक नहीं है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सीबीआई की जांच से मालूम चला है कि भारत में करीब 30 लाख एनजीओ कार्यरत है। हालांकि इनमे से मुश्किल से 10 फीसदी एनजीओ ही ऑडिट फाइल करते हैं।
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