वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में मीडिया की भूमिका की जांच नहीं होगी
कोर्ट ने कहा कि हम मीडिया के खिलाफ किसी भी जांच का निर्देश उस समय तक नहीं देंगे, जब तक उसकी प्रत्यक्ष संलिप्तता नहीं हो।
नई दिल्ली(प्रेट्र)। सुप्रीम कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाला प्रकरण में मीडिया की भूमिका की जांच विशेष जांच दल से कराने के लिए दायर जनहित याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि यह मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति मोहन एम. शांतानागौदर की खंडपीठ ने शुक्रवार को वरिष्ठ पत्रकार हरि जयसिंह की जनहित याचिका खारिज करते हुए कहा, हम मीडिया के खिलाफ किसी भी जांच का निर्देश उस समय तक नहीं देंगे, जब तक उसकी प्रत्यक्ष संलिप्तता नहीं हो।
पीठ ने कहा, ऐसा लगता है कि यह मीडिया की स्वतंत्रता और आजादी को सीमित करने का यह चोरी छिपे किया जा रहा प्रयास है। यह मीडिया पर हमला है। हम इस पर विचार नहीं करेंगे। पीठ ने कहा, हम इस तरह से मीडिया के अधिकारों को सीमित नहीं कर सकते हैं। हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था में मीडिया को स्वतंत्र दर्जा प्राप्त है। हम इस पर क्यों विचार करें। कोर्ट ने इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि यदि जांच एजेंसियों को किसी व्यक्ति की संलिप्तता के बारे में साक्ष्य मिलता है तो वे जांच के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन समूचे मीडिया की भूमिका की जांच नहीं हो सकती है।
पढ़ेंः नौसेना के नाविकों ने अपने अधिकारी से की बदसलूकी, मामले की जांच के दिए गए आदेश
सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा ने आरोप लगाया कि मीडिया के कुछ सदस्यों को इस हेलिकॉप्टर कंपनी ने इस सौदे में अपने पक्ष में फैसले के लिए प्राधिकारियों को प्रभावित करने के इरादे से रिश्वत दी थी। उन्होंने कहा, 'मैं तो सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को यह निर्देश देने का अनुरोध कर रही हूं कि इस मामले में मीडिया की भूमिका की भी जांच की जाए।' केंद्र सरकार ने भी किया विरोध केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने याचिका खारिज करने का अनुरोध करते हुए कहा कि मीडिया की भूमिका की जांच कैसे हो सकती है जब यह आरोप है कि दो व्यक्तियों में मीडिया प्रबंध समझौता हुआ था।
पीठ ने जानना चाहा, क्या यह समझौता पंजीकृत है। साक्ष्य के रूप में इस समझौते की स्वीकार्यता क्या है। मीडिया की स्वतंत्रता इससे प्रभावित होगी और उसका गला घोंटा जाएगा। हम इस पर विचार नहीं करेंगे। रिश्वत देने के आरोप सिंह ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि मीडिया के कुछ लोगों को इस हेलिकॉप्टर के सौदे की हिमायत के लिए रिश्वत दी गई और अनावश्यक लाभ पहुंचाए गए। यह भी आरोप लगाया कि कुछ पत्रकारों को उनके परिवार के साथ कंपनी ने इटली भी भेजा था। इस साल 3 जनवरी को कोर्ट इस बात के लिए राजी हुआ था कि अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले और इसमें विदेशी हथियार कंपनियों से मीडिया से रिश्वत लेने की कोर्ट की निगरानी में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराई जाए।
पढ़ेंः सुप्रीम कोर्ट फैसले पर करनन की सफाई- दलित हूं इसलिए रोका जा रहा है काम करने से