जज लोया केस: महाराष्ट्र सरकार को निर्देश, याचिकाकर्ताओं को दें सभी दस्तावेज
हरीश साल्वे ने सीलबंद लिफाफे में जज लोया की मौत से जुड़े दस्तावेज सौंपे थे, जिसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
नई दिल्ली, आइएएनएस। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि वह स्पेशल सीबीआइ जज बीएच लोया की मौत से संबंधित सभी दस्तावेजों को याचिकाकर्ताओं से साझा करे जो उनकी स्वतंत्र जांच कराए जाने की मांग कर रहे हैं और इसके साथ ही मामले को सात दिन के लिए स्थगित कर दिया।
आपको बता दें कि सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड ट्रायल के जज लोया की मौत की स्वतंत्र जांच की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले में महाराष्ट्र सरकार के वकील से राज्य सरकार से निर्देश लाने को कहा था।
जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने आज सुनवाई करते हुए कहा कि यह ऐसा मामला है, जिसमें सभी पक्षकारों को सब कुछ जानने का हक है। इसमें कुछ भी गोपनीय नहीं रखा जा सकता है। इसके साथ ही कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वकील हरीश साल्वे को मौत से संबंधित सभी दस्तावेज याचिकाकर्ताओं को सौंपने को निर्देश दिया।
गौरतलब है कि हरीश साल्वे ने सीलबंद लिफाफे में जज लोया की मौत से जुड़े दस्तावेज सौंपे थे, जिसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने यह प्रतिक्रिया दी। कोर्ट ने महराष्ट्र सरकार को सात दिनों के भीतर मेडिकल रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया।
जज लोया की मौत को लेकर जारी विवादों के बीच उनके पुत्र अनुज लोया ने कहा है कि परिवार को उनकी मौत पर कोई संदेह नहीं है और वह अलग से जांच नहीं चाहते। हालांकि सामाजिक कार्यकर्ता टी पूनावाला और मुंबई पत्रकार बंधुराज लोने ने इस मामले की स्वतंत्र जांच कराए जाने की मांग के साथ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
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